श्रीनगर का बेटा देश की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात है. वहीं, सैनिक परिवार अपनी पैतृक भूमि को भूमाफिया से बचाने की जद‌्दोजहद कर रहा है. ये मामला श्रीनगर के स्वीत गांव का है. सैनिक परिवार का आरोप है कि जब उन्होंने इसका विरोध किया तो उनके साथ मारपीट भी की गई. उन्होंने इसकी शिकायत कई बार पुलिस-प्रशासन से की लेकिन भूमाफिया के रसूख के आगे उनकी एक नहीं चली. अब पीड़ित परिवार ने डीएम दरबार में न्याय की गुहार लगाई है.

प्रशासन के उपेक्षित रवैये से मायूस आशा रावत ने डीएम को बताया कि रसूखदार भूमाफिया की नजर उनकी पैतृक भूमि पर है. उनकी जमीन को लगातार कब्जाने का प्रयास किया जा रहा है. विरोध करने पर भूमाफिया द्वारा उनके साथ मारपीट भी की गई. मारपीट के बाद उन्होंने थाने में गुहार लगाई लेकिन रसूखदार भूमाफिया की पहुंच के चलते कोई कार्रवाई नहीं की गई है. उन्होंने बताया कि उनका बेटा अमित रावत गढ़वाल राइफल में भर्ती होकर इन दिनों जम्मू-कश्मीर में तैनात है

सैनिक अमित रावत की पत्नी ने रो-रोकर बताया कि भूमाफिया ने उनके परिवार को परेशान कर रखा है. पुलिस सुनने को तैयार नहीं है. पुलिस कहती है तहसील जाओ, तहसीलदार कहते हैं थाने में गुहार लगाओ. उन्होंने कहा कि मेरे पति देश की रक्षा कर रहे हैं और पुलिस केस दर्ज करने को तैयार नहीं है.

इस मामले मे डीएम डॉ विजय कुमार जोगदंडे (DM Dr Vijay Kumar Jogdande) का कहना है कि इस संबंध में उन्होंने एसडीएम श्रीनगर को जांच निर्देश दिए हैं. साथ ही मारपीट की घटना पर संबंधित थानाध्यक्ष को मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि किसी के साथ भी अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

क्या है मामला: दरअसल, अमित रावत के पिता 4 भाई थे. चारों भाइयों में जमीन का बंटवारा नहीं है. अब तीन भाइयों ने जमीन किसी अजय जुगरान नाम के व्यक्ति को बेच दी है. सैनिक परिवार अपने हिस्से की जमीन को नहीं बेचना चाहता है. आरोप है कि अजय जुगरान ने पूरी जमीन पर कब्जा कर लिया है. क्योंकि पैतृक जमीन होने के कारण सैनिक परिवार के पास जमीन के कागज नहीं हैं. ऐसे में जमीन की पैमाइश नहीं हो पा रही है. अब जिलाधिकारी ने एसडीएम को जांच के आदेश दिए हैं.