पहाड़ों की रानी मसूरी में पुलिसकर्मियों के साथ अभद्रता का मामला सामने आया है. जहां मसूरी के गांधी चौक पर यातायात व्यवस्था को सुचारू कर रहे पुलिसकर्मियों के साथ पर्यटकों ने बदसलूकी कर दी. इस दौरान पुलिसकर्मियों और पर्यटकों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई. स्थानीय लोग भी पुलिसकर्मियों की समर्थन में उतर आए. उन्होंने पर्यटकों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर डाली.

बताया जा रहा है कि मसूरी के गांधी चौक पर माल रोड से आ रहे पर्यटकों के वाहन को पुलिसकर्मियों ने यातायात व्यवस्था सुचारू करने के लिए रोका. जिससे दूसरी ओर से आ रहे वाहनों को निकाला जा सके. इसी को लेकर मालरोड बैरियर पर वाहन सवार पर्यटक भड़क गए. साथ ही उनकी गाड़ी को रोकने को लेकर ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों के साथ अभद्रता (Tourists did misbehave with policemen) पर उतर आए.

वहीं, पुलिसकर्मियों ने पर्यटकों को काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन पर्यटक बात सुनने को ही तैयार नहीं हुए और उनके साथ अभद्रता करने लगे. यह देख स्थानीय लोग भी मौके पर पहुंचे. स्थानीय लोगों ने पुलिस का समर्थन करते हुए पर्यटकों को जबरदस्त फटकार लगाई. साथ ही पर्यटकों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. हालांकि, पुलिस ने पूरे मामले को शांत कर रफा-दफा कर दिया.

बता दें कि आए दिन मसूरी में यातायात व्यवस्था (mussoorie traffic system) को सुचारू करने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है. जबकि, मसूरी में पुलिस बल की भारी कमी है. ऐसे में मुख्य चौराहों पर मात्र एक-दो पुलिसकर्मियों के भरोसे ही यातायात व्यवस्था चल रही है. मसूरी में पुलिस फोर्स बढ़ाए जाने और सभी पदों को भरने की मांग की जा चुकी है, लेकिन उच्चाधिकारी मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.

मसूरी में 96 पुलिसकर्मी के अनुपात में मात्र 30 जवान ही तैनात हैं. वहीं, 7 उप निरीक्षक की जगह मात्र 2 ही नियुक्त हैं. इसके अलावा एक एसएसआई और कोतवाल है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि मसूरी जैसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल पर पुलिस की भारी कमी क्यों है? स्थानीय विधायक व कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी से भी मसूरी में पुलिस बल की कमी को दूर करने के लिए कहा जा चुका है, लेकिन इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. जिससे स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है.

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