तराई के गौरवशाली इतिहास (glorious history of Terai) को संजोने के लिए रुद्रपुर डिग्री कॉलेज (Rudrapur Degree College) में सेंट्रल फॉर तराई रिसर्च एजुकेशन एंड डेवलपमेंट (Central for Terai Research Education and Development) की स्थापना की गई है. जिसमें तराई से संबंधित इतिहास, संस्कृति, हस्तशिल्प, धार्मिक स्थल, जनजातियों, खेती, नदियों और लोककला के दस्तावेज तैयार कर सजोए जायेंगे.

रुद्रपुर स्थित सरदार भगत सिंह महाविद्यालय (Sardar Bhagat Singh College) ने एक पहल शुरू की है. तराई के इतिहास से संबंधित दस्तावेज को संजोने की कवायद की जा रही है. ताकि आने वाली पीढ़ियों को तराई के इतिहास के बारे में जानकारी आसानी से मिल सके. महाविद्यालय द्वारा तराई के गौरवशाली इतिहास, संस्कृति, हस्तशिल्प, धार्मिक स्थल, जनजातियों, खेती, नदियों और लोककला के दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं.

इसके लिए रुद्रपुर डिग्री कॉलेज में सेट्रल फॉर तराई रिसर्च एजुकेशन एंड डेवलपमेंट की स्थापना की गई गयी है. प्राचार्य की पहल पर तराई के बारे में सभी अहम जानकारियां जुटाई जा रही हैं. साथ ही तराई पर किए गए शोध कार्यों को भी एकत्र किया जा रहा है.

प्राचार्य डॉ. कमल किशोर पांडे का कहना है कि इसका मकसद तराई के विविध आयामों की जानकारी और शोध कार्यों के नतीजों को संकलित कर शासन को देना है. ताकि योजनाओं को बनाने में सहायता मिल सके. अभी तराई में बहने वाली सूखी, कल्याणी और अन्य नदियों के बारे में जानकारी (information about rivers) जुटाई जा रही है. इन नदियों का स्वरूप भी काफी बदल चुका है.

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