उत्तराखंड पुलिस द्वारा यातायात के नियमों का पालन कराने के लिए सिटी पेट्रोल यूनिट यानी (सीपीयू) की स्थापना की गई, जिससे कि ट्रैफिक नियमों का लोगों से सही से पालन कराया जा सके. सीपीयू ने यातायात के नियमों का उल्लंघन करने पर लोगों के खिलाफ चालान की कार्रवाई करते हुए सरकार के खजाने में करोड़ों के राजस्व का इजाफा किया है. इसका खुलासा आरटीआई के माध्यम से हुआ है.

आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी से खुलासा हुआ है कि सीपीयू ने साल 2015 से लेकर 2022 तक भारी भरकम चालान और जुर्माने की कार्रवाई की है. सीपीयू ने इन सात सालों में 2 लाख 76 हजार 336 चालान कर 5 करोड़ 56 लाख 70 हजार 400 रुपये का जुर्माना वसूला है. यह जानकारी हल्द्वानी कोतवाली के प्रभारी लोक सूचनाधिकारी हरेंद्र चौधरी ने दी है.

हरेंद्र चौधरी ने बताया है कि सीपीयू को 12 जून 2015 को जिम्मेदारी मिली थी, तब से 28 फरवरी 2022 तक कुल 2,76,336 चालान किये, जिसमें छोटे वाहनों के 2,64,450 और बड़े वाहनों के 11,886 चालान हुए हैं. सूचना में बताया गया है कि 2,76,336 दोपहिया वाहनों से कुल संयोजन शुल्क ₹5,56,70,400 (5 करोड़, 56 लाख 70 हजार 400) वसूला गया, जिसे नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आंकिक शाखा कार्यालय में जमा किया गया.

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