मार्च महीने से ही गर्मी अपने प्रचंड रूप की चेतावनी दे चुकी है. आलम यह है कि मार्च माह में जो तापमान सामान्य रूप से 35 या 36 डिग्री हुआ करता था, वह 40 तक पहुंच गया है. जबकि अभी अप्रैल, मई और जून बाकी है. ऐसे में बाजारों में गर्मी से बचने के लिए आधुनिक उपकरण तो खरीदे जा ही रहे हैं. लेकिन वाराणसी के घरों में गर्मी से राहत के लिए प्राकृतिक तरीका भी अपनाया जा रहा है, जिसके तहत इनडोर पौधों (indoor plants) की डिमांड है.
बता दें कि घरों के अंदर पौधों की डिमांड कोरोना काल में खासा देखी गई. सब लोग जड़ी बूटियों वाले पौधों से लेकर ऑक्सीजन देने वाले पौधे घरों के अंदर लगा रहे थे. लेकिन इस बार कोरोना वायरस नहीं बल्कि गर्मी की तपिश से राहत पाने के लिए पौधों की खरीदारी देखी जा रही है. वाराणसी के मंडुआडीह स्थित नर्सरी बाजार में इसका खासा असर दिखाई दे रहा है. विदित हो कि ये पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी है, जहां सभी प्रकार के पौधे उपलब्ध होते हैं. इस मंडी में इन दिनों गर्मी की तपिश से बचने के लिए पौधों की डिमांड हो रही है, जो घरों के अंदर अपनी खुशबू के साथ ऑक्सीजन भी दे रहे हैं.
वहीं, नर्सरी बाजार में खरीदारी करने आयी महिलाओं ने बताया कि वह नर्सरी में पौधों की खरीदारी करने आई है, क्योंकि यह पौधे उनके घरों को सुसज्जित रखने के साथ गर्मी से भी बचाएंगे और बाहर की गर्म हवा को ठंडी हवा के रूप में परिवर्तित कर बेहतर ऑक्सीजन भी उपलब्ध कराएंगे. उन्होंने बताया कि इस बार गर्मी इतनी भयानक है, ऊपर से कोविड की नई लहर आ रही है, ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के साथ प्रकृति का भी सहारा लेना पड़ रहा है, जिससे हमारी सेहत भी बेहतर रहे और इस गर्मी से भी बचा जा सके.
वही इस बाबत नर्सरी संचालक ने बताया कि इस बार गर्मी के कारण 30 से 40 फीसदी इंनडोर ऑक्सीजन युक्त पौधों की डिमांड में तेजी देखी जा रही है. इनमें सबसे ज्यादा एरिका पाम, पीस लिली, जेड ग्रास, रबर प्लांटलकी, बंबू व अन्य तरीके के ऑक्सीजन युक्त शीतल पौधों की डिमांड देखी जा रही है. यह पौधे ऑक्सीजन के साथ-साथ घर के वातावरण को भी शांत व शीतल रखते है. उन्होंने बताया कि इन पौधों की कीमत 20 रुपये से शुरू होकर के 200 रुपये तक है.