88 छात्रों को कराया फर्जी तरीके से पैरामेडिकल कोर्स लाखों में वसूली गई फीस
उत्तराखंड के हल्द्वानी में एक फर्जी इंस्टीट्यूट ने 88 छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया इंस्टीट्यूट संचालक ने करीबन 88 छात्रों को फर्जी तरीके से पैरामेडिकल डिप्लोमा करवाया और 58 छात्रों को फर्जी डिग्रियां भी बांटी पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया। पैरामेडिकल और मैनेजमेंट का फर्जी डिप्लोमा देने वाले आरोपी डीपीएमआई काठगोदाम के प्रबंध निदेशक को काठगोदाम पुलिस ने गिरफ्तार किया उसने लगभग 88 छात्र-छात्राओं से 88 लाख रुपये फीस भी वसूली थी जिनमें 58 को जो डिप्लोमा दिया जो फर्जी था।
बृहस्पतिवार को पुलिस बहुउद्देश्यीय भवन हल्द्वानी में एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने फर्जीवाड़े का खुलासा किया। 11 अक्तूबर को मुखानी निवासी हिमांशु नेगी पुत्र गोपाल सिंह नेगी ने दिल्ली पैरामेडिकल एंड मेडिकल इंस्टीट्यूट काठगोदाम के एमडी डाॅ. प्रकाश सिंह मेहरा और प्रधानाचार्य डा. पल्लवी मेहरा के खिलाफ काठगोदाम थाने में तहरीर भी दी थी।
2018 में इंस्टीट्यूट में एडमिशन लिया था तब प्रबंधक ने कहा कि यह संस्थान दिल्ली पैरामेडिकल एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट की शाखा है। दो साल के कोर्स की फीस एक लाख रुपये ली गई थी। संस्थान में उनके साथ 38 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया। कोर्स के बाद सभी मार्कशीट और डिप्लोमा दिया गया। जब एक छात्र ने अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में नौकरी के लिए आवेदन किया तो डिप्लोमा फर्जी बताते हुए आवेदन निरस्त कर दिया गया।
जांच में डीपीएमआई काठगोदाम के संचालक ने बताया कि 2018 में डीपीएमआई दिल्ली से फ्रैंचाइजी ली थी और पूर्वी खेड़ा गौलापार में संस्थान खोला था। 2018 में आठ, 2019 में 37 और 2020 में 21 छात्र-छात्राओं को पैरामेडिकल कोर्स का डिप्लोमा दिया गया था जबकि 2021 के 30 छात्रों को अभी डिप्लोमा नहीं मिला है। उनसे भी फीस वसूल ली गई है