चमोली जिले के स्कूल में कार्यरत अध्यापक के लिए रचा षड्यंत्र लगाए झूठे आरोप

 

उत्तराखंड में चमोली जिले के एक सरकारी विद्यालय में छात्र-छात्राओं के साथ शारीरिक उत्पीड़न का मामला सामने आया है जिसमें एक- दो बच्चों और उनके अभिभावको द्वारा अध्यापक पर अश्लील हरकत करने का आरोप लगाया गया है । आपको बता दे कि अध्यापक बिजेंद्र कुमार काम्बोज छुटमलपुर जिला सहारनपुर ,उत्तरप्रदेश के निवासी है जो अप्रैल 1988 से जिला चमोली में कार्यरत है। लगभग 36 वर्ष के कार्यकाल में वर्तमान में अध्यापक उच्च प्राथमिक विद्यालय सिमल्ट, विकास खण्ड कर्णप्रयाग ज़िला चमोली में नवंबर 2009 से 14 वर्ष से कार्यरत है।

वर्तमान में उनके ऊपर जो आरोप लगाया गया है जो कि एक साजिश की तरफ भी इशारा कर रहा है। आपको बता दे कि वर्ष 2020 में उनके बेटे की आकस्मिक मृत्यु हो गई जिसके उपरांत भी बिजेन्द्र कुमार काम्बोज ने विद्यालय के बच्चों की शिक्षा का पूरा ध्यान रखा और वो अपने घर से दूर स्कूल में जाकर फिर से सेवा देने लगे, उसी दौरान गांव के 2-3 लोगो ने उनसे समय-समय पर पैसों की मांग की और एक मदद के तौर पर अध्यापक ने उन लोगो की पैसो से मदद भी की, लेकिन जब उन्होंने उनसे अपने पैसे वापिस मांगे तो उन्होंने अध्यापक को गांव से निकाल देने की और जान से मारने की धमकी भी दी।

इस विषय पर बिजेंद्र कुमार काम्बोज ने अपने परिवार और साथ मे काम करने वाले शिक्षकों को भी अवगत कराया । साथ मे काम करने वाले अध्यापको ने मामले को छोड़ देने की बात कही क्योकि अध्यापक बिजेंद्र कुमार काम्बोज मात्र एक साल में सेवानिवृत्त होने वाले है । मीडिया कर्मियों से बात करते हुए अध्यापक ने बताया कि उनको कुछ दिन पहले किसी ने अवगत भी कराया था कि आप किसी बड़ी साजिश का शिकार होने वाले है लेकिन उन्होंने इसे अनदेखा कर दिया क्योंकि वो यहाँ करीब 14 वर्षो से अपनी सेवा दे रहे है और सब आपना ही परिवार है तो कोई क्यों उनके साथ ऐसा करेंगा, और ये सब सोच उन्होंने इसे अफवाह ही समझा।

लेकिन 11 दिसम्बर सुबह विद्यालय खुलते ही प्रार्थना के समय गांव के कुछ लोगों ने अध्यापक का घेराव कर आरोप लगाते हुए मारने की धमकियां दी जिसका उन्होंने विरोध भी किया लेकिन बाहरी आदमी होने के कारण उनकी किसी ने एक न सुनी और तो और बच्चों से उनके बारे में उलटा- सीधा बुलवाकर वीडियो भी सोशल मीडिया पर प्रसारित की गई। गांव के कुछ लोगो ने जबरन एक पत्र भी लिखवाया जिसमे उन्होंने संबंधित प्रकरण में माफी मांगी है। जो कि सिर्फ इस साजिश का एक हिस्सा है क्योंकि जब वहां के पुलिस प्रशासन से इस विषय पर बात की गई तो उन्होंने इस प्रकरण में गांव वालो की तरफ से कोई भी कार्यवाही न करने की बात कही है।

उनके परिवार से बात की गई तो एक मामला और प्रकाश में आया जिसमे ये भी खुलासा हुआ है कि उनकी बड़ी पुत्री नेहा काम्बोज जिसकी शादी 2013 में विपिन काम्बोज पुत्र केहर सिंह काम्बोज छुटमलपुर जिला सहारनपुर से हुई थी। जिन्होंने 2020 में नेहा के भाई की मृत्यु के बाद प्रोपर्टी के लालच में नेहा को घर से निकाल के कोर्ट में तलाक की अर्जी दे दी थी। जिसमे ससुराल पक्ष पर करवाई हो रही है। उनका कहना है कि हमे इस साजिश में उनका भी हाथ लग रहा है। गांव के उन दो लोगो के साथ मिल कर उन्होंने अध्यापक को इस उम्र में इस प्रकरण में फसाकर उनके चरित्र खराब करने की कोशिश की है। इसी के साथ बातचीत के दौरान पता चला कि इस घटना के उपरांत से ही अध्यापक की मानसिक और शारीरिक हालत ठीक नही है। वो अभी तक अपने बेटे की मृत्यु के सदमे से भी नही निकल पाए है। पूरा परिवार अध्यापक की सेहत को लेकर परेशान है।

सोचने की बात यह है कि अध्यापक 14 वर्षों से इस विद्यालय में अपनी सेवा दे रहे थे अगर वह गलत होते तो यह प्रकरण बहुत पहले ही सामने आ जाता । कुछ गांव वालों और स्कूल के शिक्षकों से बात करने पर यह मामला साजिश ही लग रहा है जो उनको फसाने के लिए रचा गया है अध्यापक मात्र एक साल में अपनी सेवा से सेवानिवृत हो जाएंगे तो आखिर वह ऐसा क्यों करेंगे ?

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