रूस और यूक्रेन के बीच भीषण युद्ध चल रहा है. आज जंग का 37वां दिन है. रूस ने कीव के बाहरी इलाकों और अन्य शहर के आसपास बमबारी की है जहां उसने हमले कम करने का संकल्प लिया था. इस बीच अमेरिका ने आगाह किया कि रूस के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों में गतिरोध पैदा करने वाले देशों को अंजाम भुगतने पड़ेंगे. साथ ही, यह भी कहा कि वह रूस से ऊर्जा एवं अन्य वस्तुओं का भारत के आयात में ‘तीव्र’ वृद्धि देखना नहीं चाहेगा. वहीं, यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख डेविड एराखामिया का कहना है कि दोनों देशों के बीच आज (शुक्रवार) वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए वार्ता होगी.

यूक्रेन में कीव के बाहरी हिस्सों और अन्य क्षेत्रों में बृहस्पतिवार को भीषण लड़ाई हुई. इससे संकेत मिलता है कि रूस तनाव कम करने की बात का इस्तेमाल कवर की तरह कर रहा है जबकि पूर्वी यूक्रेन में हमले तेज़ करने के लिए अपने बलों को फिर से इकट्ठा कर रहा है और उन्हें भेज रहा है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर ज़ेलेंस्की ने वीडियो संदेश में कहा कि यूक्रेन देख रहा है कि डोनबास पर नए सिरे से हमले करने के लिए रूस अपने बलों को जमा कर रहा है और वे भी उसके लिए तैयार हैं. वहीं, विकिरण की समस्या का सामना करने के बाद रूसी सैनिक चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र को छोड़कर बेलारूस के साथ लगी यूक्रेन की सीमा की ओर बढ़ रहे हैं.

इस बीच यूक्रेन में मारियुपोल की ओर बसों के एक काफिले को बृहस्पतिवार को रवाना किया गया ताकि घेर लिए गए इस बंदरगाह शहर से लोगों को निकाला जा सके. वहीं रूस ने जंग को खत्म करने के लिए नए दौर की प्रस्तावित वार्ता से पहले यूक्रेन के कई हिस्सों पर हमले किए. रूस की सेना के क्षेत्र में सीमित संघर्ष विराम के लिए सहमत होने के बाद रेड क्रॉस ने कहा कि उसके दल राहत सामग्री और दवाइयां लेकर मारियुपोल के लिए रवाना हुए हैं ताकि शुक्रवार को शहर से लोगों को निकाला जा सके. इससे पहले भी मानवीय गलियारे बनाने की कोशिश की गई थी लेकिन वे कामयाब नहीं हो सकीं थी.

इस बीच एक क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया कि रूसी बलों ने राजधानी के उपनगरों पर बमबारी की जिसे हाल में यूक्रेन ने फिर से हासिल किया है. इससे दो दिन पहले रूस ने कहा था कि वह कीव और उत्तरी शहर चेर्नीहिव के पास हमले कम करेगा ताकि आगे की बातचीत के लिए आपसी विश्वास और अनुकूल परिस्थितियों को पैदा किया जा सके. ब्रिटेन के रक्षा मंत्री ने भी पुष्टि की है कि चेर्नीहिव के आसपास रूस ने काफी गोलाबारी की है और मिसाइल से हमले किए हैं. क्षेत्र के गवर्नर वी चौस ने कहा कि रूसी सैनिक वापस नहीं जा रहे हैं.

रूस के रक्षा मंत्रालय ने भी बुधवार देर शाम यूक्रेन के ईंधन स्टोर पर नए हमले करने की सूचना दी है और यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा कि उत्तर पूर्वी शहर खारकीव के आसपास भी बमबारी की गई है. रूस की सेना ने कहा है कि वह मारियुपोल से यूक्रेन के कब्जे वाले शहर ज़पोरिज़िया के मार्ग पर बृहस्पतिवार सुबह से संघर्ष विराम लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है. यूक्रेन की उपप्रधानमंत्री इरयाना वेरेशचुक ने कहा कि आम नागरिकों को निकालने के लिए 45 बसों को भेजा गया है. हफ्ते भर लंबी नाकेबंदी और बमबारी की वजह से खाना, पानी और दवाइयां खत्म हो गई थी. इंटरनेशनल कमेटी ऑफ रेड क्रॉस ने कहा कि उसके दल पहले ही मारियुपोल के लिए रवाना हो चुके हैं. रेड क्रॉस ने एक बयान में कहा कि मारियुपोल में हजारों लोगों की जान इस पर निर्भर है.

नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि गठबंधन को मिली खुफिया जानकारी संकेत करती है कि रूस यूक्रेन में अपने सैन्य अभियान को कम नहीं कर रहा है, बल्कि अपने सैनिकों की स्थिति में बदलाव कर रहा है और तैनाती की जगह बदल रहा है ताकि वे डोनबास पर हमले में शामिल हो सकें. क्षेत्रीय गवर्नर ओ पालवीउक ने सोशल मीडिया पर बताया कि रूस ने कीव के उपनगर इरपीन और मकारीव पर गोलाबारी की है और होस्तोमल के आसपास लड़ाई हुई है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन के लोगों ने इसका जवाब दिया और रूस को उपनगर ब्रोवरी में पीछे हटना पड़ा.

यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख डेविड एराखामिया ने कहा कि दोनों देशों के बीच शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए वार्ता होगी. वहीं छह हफ्ते की जंग के बाद यूक्रेन छोड़ने वाले लोगों की संख्या 40 लाख तक पहुंच गई है. रूस ने इस हफ्ते तुर्की के शहर इस्तांबुल में वार्ता के दौरान वादा किया था कि वह कीव और चेर्नीहिव के पास अभियान को कम करेगा ताकि आगे की बातचीत के अनुकूल परिस्थितियां और आपसी विश्वास ’ पैदा हो सके. हालांकि, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और पश्चिमी देशों ने इस पर गहरा संदेह व्यक्त किया था.