अशोक विहार के एक बैंक्वेट हॉल में बीते दिन आग लगने से एक मैनेजर की दम घुटने से मौत हो गई थी. जिसका बुद्धवार को बाबू जगजीवनराम अस्पताल में पोस्टमॉर्टम किया गया. पोस्टमॉर्टम के बाद हर्ष चोपड़ा की लाश उनकी बुजुर्ग मां को सौंप दी गई. इस परिवार में मां-बेटे बस दो ही लोग थे.
हर्ष अपनी बूढ़ी मां का एकलौता सहारा थे. जो अब इस दुनिया में नहीं रहे. ऐसे में बुजुर्ग मां का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है. हादसे वाली शाम से आज तक उनके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. हर्ष की मां के आगे-पीछे अब कोई नहीं है. कुछ रिश्तेदार और पड़ोसी उन्हें ढांढस बंधाने की कोशिश कर रहे हैं.
हर्ष की मौत से पड़ोसियों को भी गहरा सदमा लगा है. बुजुर्ग मां बेटे की फोटो देख-देखकर रो रही हैं. उनका ग़म देखकर लोग अपना दर्द भूल जा रहे हैं. ऐसी हालत में चाहकर भी कोई उनकी कोई मदद नहीं कर पा रहा है.
हर्ष चोपड़ा पिछले 4 सालों से बैंक में मैनेजर के पद पर काम कर रहे थे. बेटे की मौत के बाद से इस बुजुर्ग मां की बुढ़ापे की लाठी हमेशा-हमेशा के लिए टूट गई. फिलहाल इस हादसे की जांच चल रही है. अब तक किसी के खिलाफ इस भीषण अग्निकांड में कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हो सकी है.