जिले में भूसे की कमी (shortage of straw in Pauri) को लेकर आपात जैसी स्थिति बन गई है. गेहूं के भूसे की कमी और अवैध रूप से भंडारण के चलते भूसे की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. जिससे पशुपालकों और मवेशियों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो रही है. लिहाजा, डीएम ने भूसे का अनावश्यक भंडारण करने और काला बाजारी न करने के आदेश जारी किए हैं. साथ ही आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.

जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि पशुओं के सूखे चारे के रूप में उपयोग किए जाने वाले गेहूं के भूसे की अत्यंत कमी होने और उसके बड़ी मात्रा में अनावश्यक रूप में भंडारण करने के चलते काफी किल्लत हो गई है. इन परिस्थितियों में पशु पालक बड़ी संख्या में मवेशियों को आवारा छोड़ रहे हैं. ऐसे में प्रशासन ने सभी पशुपालकों से अपने मवेशियों को घर पर ही रखने की अपील की है.

डीएम ने जिले के अंतर्गत पड़ने वाले भूसे को ईंट भटृों एवं अन्य उद्योगों में इस्तेमाल नहीं करने के भी आदेश जारी किए हैं. साथ ही संबंधित उद्योंगों के भूसे के बिक्री पर आगामी 15 दिनों तक रोक लगाने और भूसे का अवैध भंडारण करने एवं काला बाजारी न करने की भी हिदायत दी है.

वहीं, डीएम जोगदंडे (DM Vijay Kumar Jogdande) ने जिले में पराली जलाने पर भी रोक लगाई है. उन्होंने आगामी 24 मई तक जिले की सभी सीमाओं को सील करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी, तहसील मुख्यालयों, विकास खंड मुख्यालयों, थानों, नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों में सूचना चस्पा करने को कहा है.

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