धर्मनगरी हरिद्वार में यात्रियों को यात्रा संबंधी जानकारी देने के लिए लाखों की कीमत से लगाई गई विजुअल इंफॉर्मेशन कियोस्क मशीन (Visual information kiosk machine) धूल फांक रही है. साल 2016 में अर्ध कुंभ मेले (Haridwar Ardh Kumbh 2016) की निधि से शहर भर में आधा दर्जन से ज्यादा कियोस्क मशीनें लगाई गई थी, जिनमें से फिलहाल एक भी मशीन चालू हालत में नहीं है.

अधिकारियों की अनदेखी के चलते सभी मशीनें सरकारी ऑफिसों के बाहर बड़ी धूल फांक रही है. एक मशीन जिला हॉस्पिटल के बाहर पड़ी हुई है तो दूसरी नगर निगम, तीसरी जिला पर्यटन अधिकारी और चौथी जिला सूचना कार्यालय के बाहर फिलहाल बदहाल व्यवस्था में पड़ी है. शहर में सिर्फ चार ही मशीनें देखने को मिल रही है.

सूचना विभाग बेखबरः मशीनों के रखरखाव की जिम्मेदारी जिला सूचना विभाग को दी गई थी. हालांकि, सूचना विभाग खुद मशीनों की हालत से बेखबर है. हरिद्वार सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश सिंह का कहना है कि सूचना विभाग के मुताबिक, मशीनों की मौजूदा हालत की जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दी गई है. जल्द ही इनके संचालन पर कोई फैसला लिया जाएगा.

सरकारी खजाने की बर्बादीः साफ है कि सरकारी पैसे की बर्बादी किस तरह से की जा रही है. अगर इन मशीनों को दोबारा सही भी कराया जाता है तो इसकी प्रोग्रामिंग दोबारा से करनी पड़ेगी. क्योंकि 2016 में जब यह मशीनें लगाई गई थी तो उस समय कांग्रेस की हरीश रावत सरकार थी. मशीनों में 2016 के तहत चारधाम यात्रा की जानकारी और हरिद्वार शहर से जुड़े पर्यटक स्थल की जानकारी के साथ ही सरकार द्वारा कराए गए कार्यों की भी जानकारी दी गई थी. अब इस मशीन को सही कराना लगभग नहीं नई मशीन लगाने जैसा होगा.

धर्मनगरी हरिद्वार में यात्रियों को यात्रा संबंधी जानकारी देने के लिए लाखों की कीमत से लगाई गई विजुअल इंफॉर्मेशन कियोस्क मशीन (Visual information kiosk machine) धूल फांक रही है. साल 2016 में अर्ध कुंभ मेले (Haridwar Ardh Kumbh 2016) की निधि से शहर भर में आधा दर्जन से ज्यादा कियोस्क मशीनें लगाई गई थी, जिनमें से फिलहाल एक भी मशीन चालू हालत में नहीं है.

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