बागेश्वर: गांधीवादी नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री रामप्रसाद टम्टा का निधन हो गया है. राम प्रसाद टम्टा उत्तराखंड की पहली निर्वाचित सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे थे. उनके निधन की सूचना पर बागेश्वर में शोक की लहर दौड़ गई है. रामप्रसाद टम्टा के निधन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री चन्दन राम दास, विधायक कपकोट सुरेश गड़िया, जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव समेत विभिन्न सामाजिक संगठनों ने शोक व्यक्त किया है.

बता दें कि पूर्व समाज कल्याण मंत्री राम प्रसाद टम्टा साल 1968 में यूथ कांग्रेस से जुड़े थे. 1971 में 18 साल की उम्र होने पर संगठन में चले गए. इसी उम्र में महज 12 रुपये खर्च कर ग्राम प्रधान पद का चुनाव लड़ा था. चुनाव जीतने के बाद उनके समर्थकों ने गुड़ की भेली बांट कर खुशी मनाई थी. इसके बाद वह उत्तर प्रदेश की विधानसभा में बागेश्वर से 1993 में पहली बार विधायक बने.

राज्य गठन के बाद 2002 में इसी सीट से दोबारा विधायक बने तो उत्तराखंड की पहली निर्वाचित सरकार में वह समाज कल्याण मंत्री बने. पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के साथ 2007 तक मंत्री रहे. समाजसेवा की धुन इस कदर रही कि उन्होंने अपने लिए कुछ नहीं किया. पूर्व मंत्री टम्टा के दो बेटे हैं. उनके बड़े पुत्र चंद्रकांत टम्टा नगर पालिका में जेई के पद पर तैनात हैं जबकि, छोटा बेटा अभिलेख टम्टा तांबे के बर्तनों की दुकान चलाते हैं. उनकी तीन बेटियां हैं. उनकी शादी हो गई है.

वहीं, पूर्व समाज कल्याण मंत्री राम प्रसाद टम्टा 1993 में पहली बार उत्तर प्रदेश में विधायक बने थे. उत्तराखंड राज्य बनने के बाद 2002 में विधायक बने और समाज कल्याण मंत्री रहे. 2007 से 2012 तक कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा और हार गए. 2017 में उनका टिकट कट गया. बालकृष्ण को टिकट मिलने पर भाजपा शामिल हो गए. वह 49 साल कांग्रेस में रहे. पूर्व मंत्री राम प्रसाद टम्टा के निधन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री चन्दन राम दास, विधायक कपकोट सुरेश गड़िया समेत जिले के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने शोक व्यक्त किया है.

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