नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने टूरिज्म डवलमेंट बोर्ड (tourism development board) एवं राज्य सरकार द्वारा रानीबाग से नैनीताल के लिए प्रस्तावित रोपवे (Proposed ropeway from Ranibagh to Nainital) मामले में प्रोफेसर अजय रावत की जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को पक्षकार बनाकर उनसे रोपवे के मामले में 18 मई तक कोर्ट में अपना पक्ष रखने को कहा है.

कोर्ट ने कहा वर्तमान समय मे एनएचएआई भी रोपवे बना रही है. इस रोपवे के संबंध में एनएचएआई का क्या कहना है? उनका मत भी जानना आवश्यक है. बता दें कि मामले में नैनीताल निवासी पर्यावरणविद प्रो. अजय रावत ने जनहित याचिका दायर किया है.

उन्होंने याचिका में कहा कि टूरिज्म डवलमेंट बोर्ड और राज्य सरकार द्वारा रानीबाग से नैनीताल के लिए रोपवे का निर्माण प्रस्तावित है. रोपवे के लिए निहाल नाले और बलिया नाले के मध्य मनोरा पीक पर निर्माण कार्य होना है. ये दोनों नाले भूगर्भीय रिपोर्ट के आधार पर अतिसंवेदनशील क्षेत्र हैं. लिहाजा यहां किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं किया जा सकता.

पूर्व में भी हाईकोर्ट ने हनुमान गढ़ी क्षेत्र में किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर रोक लगाई थी. याचिकाकर्ता का कहना है कि वे रोपवे के विरोध में नही हैं, बल्कि रोपवे निर्माण से पहले इसकी विस्तृत भूगर्भीय जांच कराई जानी चाहिए

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