सूबे में पारा चढ़ते ही पेयजल संकट गहराने लगा है. कुमाऊं के कई इलाकों में भी लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं. हल्द्वानी शहर के अधिकतर इलाकों में टैंकरों से पेयजल आपूर्ति की जा रही है. जबकि, गौला नदी का जलस्तर भी बेहद कम हो गया है. वहीं, नैनीताल जिले के बेतालघाट गर्म पानी, कमोला, कालाढूंगी के कई इलाकों में पेयजल की किल्लत को देखते हुए नए निर्माण कार्यों पर रोक लगाई जा रही है.

कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के मुताबिक, अभी पेयजल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन आने वाले दिनों में पानी का संकट काफी गहरा सकता है. ऐसे में जरूरत पड़ी तो पेयजल सप्लाई के लिए सरकारी और प्राइवेट टैंकरों की संख्या को बढ़ाया जा सकता है. इसके अलावा पहाड़ी इलाकों में जो भी बोरिंग की गई है या फिर की जा रही है, उन्हें आम जनता को पानी उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा. उन्होंने साफ लहजे में कहा कि जनता को पेयजल उपलब्ध नहीं कराने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

बता दें कि हल्द्वानी और आसपास के इलाकों में पेयजल संकट (Drinking water crisis in Kumaon) गहरा गया है. अभी तापमान में और इजाफा होने की आशंका जताई जा रही है. जिससे आने वाले दिनों में पानी का संकट और बढ़ सकता है. हल्द्वानी के आसपास एरिया में कई जगह टैंकरों से पानी की सप्लाई करने के बावजूद भी पानी की पूर्ति नहीं हो पा रही है.

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