कोतवाली ज्वालापुर क्षेत्र में स्थित एक निजी अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है. यहां एक नवजात की मौत हो गई. जिस पर परिजनों ने आधी रात को जमकर हंगामा किया. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से न केवल नवजात की मौत हुई बल्कि अस्पताल प्रबंधन ने उनसे मनमाना पैसा भी जमा करवाया और मृत नवजात को हायर सेंटर रेफर कर दिया. इस मामले में पुलिस का कहना है कि उन्हें फिलहाल कोई शिकायत नहीं मिली है. यदि कोई शिकायत आती है तो उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं, हंगामे का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है.

जानकारी के मुताबिक, बीते 2 दिन पहले खड़खड़ी क्षेत्र में रहने वाली एक महिला को डिलीवरी के लिए न्यू देवभूमि अस्पताल (Haridwar New Devbhoomi Hospital) में भर्ती कराया गया था. बताया जा रहा है कि सोमवार सुबह डिलीवरी के बाद से बच्चे को परिजनों को नहीं दिखाया गया. आरोप है कि डिलीवरी के एवज में अस्पताल प्रबंधन की ओर से परिजनों से पैसा पहले ही जमा करा दिया गया था. सोमवार देर रात अस्पताल प्रबंधन की ओर से बताया गया कि बच्चे की हालत नाजुक है. अतः इसे हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है.

आनन-फानन में प्रबंधन की ओर से एंबुलेंस बुलाकर बच्चे को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया. हायर सेंटर तक जाने के लिए एक अटेंडेंट भी परिजनों को दिया गया, लेकिन बताया जा रहा है कि एंबुलेंस अभी अस्पताल से कुछ ही दूर पर पहुंची थी कि परिजनों को समझ आ गया कि बच्चे की मौत हो गई है. जिसके बाद परिजन तत्काल वापस अस्पताल पहुंचे और जमकर हंगामा किया. हंगामे की सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची. मोहल्ले में रहने वाले लोगों ने इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. हालांकि, कोतवाली ज्वालापुर पुलिस का कहना है कि इस मामले में फिलहाल कोई तहरीर किसी की ओर से नहीं आई है. यदि तहरीर आती है तो इसमें आगे की कार्रवाई की जाएगी.

क्या कहते हैं चश्मदीद: अस्पताल के बिल्कुल पास रहने वाले समृद्ध दत्ता का कहना है कि एक नवजात की मौत के बाद अस्पताल की ओर से मृत बच्चे को ही हायर सेंटर रेफर कर दिया गया था. जिसके बाद वापस लौटे परिजनों ने अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा किया था. इस अस्पताल में आए दिन इस तरह के हंगामे होना आम बात हो गई है. पुलिस भी मौके पर आई थी, लेकिन बाद में वो भी बैरंग वापस लौट गई.

नहीं उठाया फोन: अस्पताल के संचालक डॉ. सुशील शर्मा से इस मामले में बात करने की काफी प्रयास किए गए. कई बार उनके फोन पर कॉल भी की गई, लेकिन न तो उन्होंने फोन उठाया और ना ही पलट कर फोन किया. बता दें कि इस अस्पताल में हंगामे का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई बार यहां पर उपचार को लेकर हंगामा हो चुके हैं, लेकिन बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन अपनी व्यवस्थाएं सुधारने को तैयार नहीं है

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