भगवान बदरी विशाल की गाडू घड़ा (तेल कलश) अभिषेक यात्रा 22 अप्रैल को राजदरबार नरेंद्रनगर से आरंभ होगी. डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के प्रतिनिधि 22 अप्रैल को गाडू घड़ा लेकर नरेंद्रनगर राज दरबार पहुंचेंगे. जहां महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह की उपस्थिति में सुहागिन महिलाएं विधि विधान के साथ गाडू घड़ा के लिए तिलों का तेल निकालेंगी.

गाडू घड़ा कलश यात्रा का महत्व: उत्तराखंड में 400 सालों के गौरवमयी इतिहास को अपने में समेटे गाडू घड़ा यात्रा काफी मशहूर है. प्राचीन काल से ही गाडू घड़ा यात्रा को कपाट खुलने से पहले चारधाम यात्रा के प्रचार-प्रसार के लिए आयोजित किया जाता रहा है. साथ ही नरेंद्रनगर राजमहल गाडू घड़ा कलश यात्रा में भी शिरकत करता है.

तिल के तेल से भगवान बदरी विशाल का पूरी यात्रा काल के दौरान अभिषेक और श्रृंगार किया जाता है. इस पूरी यात्रा में बदरीनाथ के डिमरी समाज का सबसे अहम रोल होता है. प्राचीन काल से ही बदरीनाथ धाम की यात्रा का प्रचार-प्रसार का जिम्मा डिमरी समाज के लोगों के ही पास है. गाडू घड़ा यात्रा को चारधाम यात्रा का आगाज भी माना जाता है.

आठ मई को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट: बदरीनाथ धाम के कपाट इस वर्ष आठ मई को सुबह 6.15 मिनट पर खुल रहे हैं. इसी क्रम में तेल कलश यात्रा 22 अप्रैल को नरेंद्रनगर राजदरबार से शुरू होगी. 22 अप्रैल सायंकाल को तेल कलश मंदिर समिति के चेला चेतराम धर्मशाला में प्रवास करेगा.

23 अप्रैल को सुबह से दोपहर तक चेला चेतराम धर्मशाला में श्रद्धालु गाडू घड़ा के दर्शन कर सकेंगे. 23 अप्रैल अपराह्न तेल कलश यात्रा श्रीनगर गढ़वाल प्रस्थान करेगी. 24 अप्रैल को प्रात: दर्शन के पश्चात तेल कलश उमा देवी मंदिर कर्णप्रयाग प्रस्थान करेगा. इसी दिन श्रीलक्ष्मी नारायण मंदिर डिम्मर पहुंचेगी. चार मई तक तेल कलश गाडू घड़ा श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर डिम्मर में प्रवास करेगा. इस दौरान प्रात: एवं सायंकाल तेल कलश की पूजा अर्चना की जाएगी. पांच मई को गाडू घड़ा (तेल कलश) श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ प्रस्थान करेगा.

सात मई को बदरीनाथ धाम पहुंचेगा गाडू घड़ा: छह मई को तेल कलश जोशीमठ से आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी, रावल सहित श्रीयोग बदरी पांडुकेश्वर और सात मई को पांडुकेश्वर से श्री उद्धव एवं कुबेर की डोली के साथ ही गाडू घड़ा तेल कलश श्री बदरीनाथ धाम पहुंचेगा.

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