उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने पर सचिव विद्यालयी शिक्षा व निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा को अवमानना का नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. इस मामले पूर्व में खण्डपीठ ने सरकार की विशेष अपील को निरस्त कर एकलपीठ के आदेश को सही ठहराया था.

इस मामले में याचिकाकर्ताओं ने आज अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि एकलपीठ ने उनके हक में फैसला देते हुए कहा था कि प्रदेश के सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को उनकी सेवाओं को जोड़ते हुए उन्हें एसीपी का लाभ दिया जाय. वहीं, आदेश हो जाने के बाद भी सरकार ने उनको एसीपी का लाभ नहीं दिया.

वहीं, एकलपीठ के आदेश को सरकार ने विशेष अपील दायर कर खण्डपीठ में चुनौती दी. पूर्व में खण्डपीठ ने एकलपीठ के आदेश पर रोक लगा दी थी. इस रोक को हटाने के लिए याचिकर्ताओं द्वारा खण्डपीठ में प्राथर्ना-पत्र दिया गया. ऐसे में खण्डपीठ ने सरकार की विशेष अपील को निरस्त करते हुए एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखा था.

ऐसे में इस निर्णय से प्रदेश के समस्त चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को एपीसी मिलने का रास्ता साफ हो गया था. वहीं, कोर्ट के आदेश होने के बाद भी उनको अभी तक एसीपी का लाभ नहीं दिया जा रहा है. लिहाजा, आज कोर्ट में दिनेश जोशी, ललित लोहनी, त्रिभुवन कोहली व अन्य ने अवमानना याचिका दायर की है.

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