प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (Pragatishil Samajwadi Party) अध्यक्ष शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) को बीजेपी में लाकर अखिलेश यादव के गढ़ में सेंध लगाने का भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने मास्टर प्लान बनाया. कहा जा रहा है कि जुलाई या अगस्त में शिवपाल यादव भगवा रंग में रंग जाएंगे. इसके बाद वो जसवंत नगर विधानसभा से इस्तीफा देंगे. वो आजमगढ़ लोकसभा उप चुनाव भाजपा की ओर से लड़ेंगे.

वहीं उनके बेटे आदित्य यादव जसवंत नगर से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. भाजपा दोनों के जरिए सपा के 13 में से दो किलों को जीतने का प्रयास करेगी. इसके साथ ही यह दांव लोकसभा चुनाव 2024 में भी भाजपा के काम आएगा. शिवपाल यादव और भाजपा की नजदीकी अब खुलकर सामने आ चुकी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनकी मुलाकात के बाद चर्चा है कि अब शिवपाल यादव और उनके बेटे अदित्य यादव बहुत जल्द भाजपा में शामिल हो सकते हैं. इसके लिए सही वक्त का इंतजार किया जा रहा है.

फिलहाल उनको विधानसभा में उपाध्यक्ष बनाकर भाजपा उनसे नजदीकी को और अधिक मधुर बनाने का प्रयास करेगी. हरदोई से विधायक और आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल के मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद यह सम्भवना और बलवान हो गई है. इसके बाद में शिवपाल यादव सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ बैठेंगे. इसके बाद शिवपाल को औपचारिक तौर पर भाजपा में शामिल किए जाने की तैयारियां शुरू की जाएंगी.

भाजपा सूत्रों का कहना है कि आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव करीब पांच महीने बाद होना है. इससे पहले ही जुलाई में शिवपाल यादव भाजपा में आएंगे और जसवंत नगर विधानसभा सीट से इस्तीफा देंगे. इसके बाद में लोकसभा और जसवंतनगर विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव एक साथ होंगे. फार्मूला यह है कि अखिलेश यादव के करहल से विधायक बने रहने के बाद खाली हुई आजमगढ़ लोकसभा सीट से शिवपाल यादव बतौर भाजपा उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे.

इसके बाद उनके बेटे आदित्य यादव जसवंतनगर विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ेंगे. भाजपा को उम्मीद है कि गुड्डू जमाली के बसपा से लड़ने से सपा का मुस्लिम वोट कटेगा. वहीं शिवपाल के चुनाव लड़ने से भाजपा को यादव वोट मिलेगा. आजमगढ़ जहां भाजपा सभी सीट हार गई है, वहां शिवपाल के जरिये भाजपा सपा के किले को ध्वस्त करने का प्रयास करेगी.

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