नेशनल डेस्क : मध्य प्रदेश से एक अत्यंत हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। कुछ सपेरों ने मानवता की सभी सीमाओं को पार कर दिया। उन्होंने पहले सांपों के दांत तोड़ दिए और फिर उनके मुंह को फेवीक्विक से चिपका दिया। यह सब उन्होंने सांपों को बेवजह पीड़ा पहुंचाने और पैसे कमाने के लिए किया। जैसे ही वन विभाग को इस अमानवीय कृत्य की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत कार्रवाई की। वन विभाग ने 4 सपेरों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसके अलावा, वन विभाग ने सांपों को उनके क्रूरता से मुक्त कराकर सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया। इस कार्रवाई से यह साबित होता है कि वन विभाग सांपों की सुरक्षा और उनके साथ किए गए अत्याचार के खिलाफ गंभीर है।

सांपों के दांत तोड़ मुंह को फेविक्विक से बंद कर दिया
दरअसल यह मामला मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के भिंड में कुछ सपेरों ने सांपों के साथ अत्यंत क्रूरता की। उन्होंने सांपों के दांत तोड़ दिए और उनके मुंह को फेवीक्विक से सील कर दिया। यह सब उन्होंने पैसे कमाने के लिए किया। सांपों के दांत तोड़ना भी अपराध है, लेकिन इन सपेरों ने इस सीमा को भी पार कर दिया। वन विभाग ने इस क्रूरता की जानकारी मिलने पर तुरंत कार्रवाई की और 4 सपेरों को जेल भेज दिया।

सांकेतिक तस्वीर।

सांपों को कई दिनों तक भूखा रखा
सपेरों ने सांपों को पहले कई दिनों तक भूखा रखा। इसके बाद, उन्होंने सांपों के दांत तोड़ दिए और उनके मुंह को फेवीक्विक से सील कर दिया ताकि सांपों से कोई खतरा न रहे। फिर, इन सांपों को पिटारे में बंद कर गली-गली घूमते हुए लोगों को दिखाकर पैसे कमाते थे। यह सब देखकर कुछ लोगों ने इन सांपों पर ध्यान दिया और उनकी स्थिति की जानकारी वन विभाग को दी।

वन विभाग की कार्रवाई
लोगों ने वन विभाग को सूचित किया कि सपेरों ने सांपों के दांत तोड़कर और उनके मुंह को फेवीक्विक से सील कर दिया है। इसके बाद, वन विभाग ने इस पर कार्रवाई की और 4 सपेरों को पकड़कर जेल भेज दिया। वन विभाग ने इन सपेरों से 6 इंडियन कोबरा और अन्य सांपों को जब्त कर उन्हें सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया।

वन मंडलाधिकारी की जानकारी
दक्षिण शहडोल वन मंडलाधिकारी श्रद्धा पेंद्रे ने बताया कि लोगों की सूचना पर कार्रवाई की गई। उन्होंने पुष्टि की कि सपेरों से 6 इंडियन कोबरा और अन्य सांपों को जब्त किया गया और उन्हें जंगल में छोड़ दिया गया। सपेरों के खिलाफ सख्त कानूनी धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है, ताकि भविष्य में ऐसी क्रूरता को रोका जा सके।

 

 

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