केदारनाथ यात्रा के सफल संचालन के लिए इस बार प्रशासन ने कई अहम फैसले लिए हैं, जिससे तीर्थ यात्रियों को यात्रा के समय सुविधा मिल सके. मई और जून माह में केदारनाथ यात्रा चरम पर रहती है और मंदिर परिसर में दर्शन के लिए भीड़ लग जाती है. ऐसे में प्रशासन ने टोकन सिस्टम की व्यवस्था किए जाने का निर्णय लिया है. इसके अलावा यात्रा के दौरान पेय पदार्थों के लिए प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग होगा. इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से प्लास्टिक की बोतलों के उचित निस्तारण का भी समाधान निकाला गया है.
बता दें कि केदारनाथ यात्रा को सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने के उद्देश्य से जिलाधिकारी मनुज गोयल की अध्यक्षता में राजकीय आदर्श इंटर काॅलेज गुप्तकाशी में तीर्थ पुरोहितों एवं पंडा समाज के सदस्यों के साथ यात्रा के दौरान की जाने वाली तैयारियों एवं व्यवस्थाओं के संबंध में आवश्यक बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में केदारनाथ यात्रा के सफल संचालन के लिए यातायात, स्वास्थ्य, पेयजल, स्वच्छता, विद्युत, आवास आदि व्यवस्थाओं के संबंध में चर्चा करते हुए तीर्थ पुरोहितों एवं पंडा समाज के सदस्यों से उनके सुझाव भी लिए गए तथा उनकी समस्याओं को भी सुना गया.
इस मौके पर पंडा समाज के सदस्यों ने यात्रा के दौरान लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए उचित पार्किंग व्यवस्था की मांग की तथा यात्रा मार्ग में पेयजल एवं शौचालय की भी मांग की. साथ ही विद्युत विभाग द्वारा ओवर बिल देने की भी शिकायत की गई तथा पेयजल की उचित व्यवस्था करने मांग की गई. साथ ही स्थानीय लोगों को वरीयता दिए जाने की बात कही गई. इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक शैलारानी रावत ने कहा कि केदारनाथ यात्रा को बेहतर ढंग से संचालित करने के लिए सभी को इसमें अपनी पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करानी है तथा जिला प्रशासन का सभी को सहयोग करना जरूरी है, ताकि यात्रा को ठीक ढंग से संचालित किया जा सके.
विधायक शैलारानी रावत कहा कि इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के बड़ी संख्या में आने की संभावना है, जिसके लिए सभी को उचित व्यवस्था करते हुए आने वाले श्रद्धालुओं के साथ अतिथि देवो भवः का व्यवहार करना है. उन्होंने जिला प्रशासन से भी अपेक्षा की कि यात्रा के दौरान जो भी व्यवस्थाएं की जानी हैं, वह समय से सुनिश्चित करा लें तथा स्थानीय लोगों को इसमें वरीयता दी जाए. ताकि वह अपना रोजगार ठीक ढंग से संचालित कर सकें. उन्होंने यह भी कहा कि यात्रा मार्ग में संचालित होने वाले घोड़े खच्चरों के संचालकों एवं मालिकों के साथ एक आवश्यक कार्यशाला भी आयोजित की जाए.
वहीं, जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि यात्रा के सफल संचालन के लिए तीर्थ यात्रियों के केदारनाथ के दर्शन के लिए अनावश्यक भीड़ न हो, इसके लिए टोकन सिस्टम की व्यवस्था किए जाने का निर्णय लिया गया है. जिससे कि मंदिर परिसर में अनावश्यक भीड़ न लगने पाए, जिसमें सभी का सहयोग आवश्यक है. उन्होंने यह भी कहा कि यात्रा के दौरान पानी पीने एवं पेय पदार्थों के लिए प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग होगा.
इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा प्लास्टिक की बोतलों के उचित निस्तारण के लिए यह निर्णय लिया गया है. इसमें सभी दुकानदारों से सहयोग की अपेक्षा की गई है. सभी प्लास्टिक बोतलों पर दुकानदारों द्वारा टैग लगाया जाएगा. यात्रियों से पानी की बोतल के निर्धारित रेट से अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा तथा पानी का उपयोग करने के बाद बोतल को वापस लेने के लिए जिला प्रशासन द्वारा उचित व्यवस्था करते हुए ऑफिस खोला जाएगा. इस दौरान तीर्थ यात्रियों द्वारा दिए गए अतिरिक्त शुल्क को उन्हें वापस किया जाएगा. इसका मकसद ये है कि रास्ते में कोई प्लास्टिक बोतलों को न फेंक सके.
जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि यदि कोई व्यक्ति बोतल में लगे टैग सहित बोतल वापस करता है तो उतनी ही धनराशि उन्हें उपलब्ध कराई जाएगी. यात्रा मार्ग में जाम की समस्या को दूर करने के लिए जगह-जगह पार्किंग व्यवस्था की जाएगी. इसके लिए उन्होंने क्षेत्रीय जनता से भी आग्रह किया है कि जिन लोगों के पास अपनी निजी भूमि उपलब्ध है, वह अपनी निजी भूमि में पार्किंग स्थल बना सकते हैं. इस व्यवस्था से जहां जाम की समस्या से छुटकारा मिलेगा वहीं, दूसरी ओर स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे. इसके लिए उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को इस व्यवस्था में सहयोग देने की अपेक्षा की है.
उन्होंने यात्रा मार्ग में पेयजल व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के लिए अधिशासी अभियंता जल संस्थान को निर्देश दिए कि विभिन्न स्थानों में पेयजल की उचित व्यवस्था की जाए. साथ ही होटल व्यवसायियों से उनकी मांग के अनुसार उन्हें पेयजल कनेक्शन उपलब्ध कराते हुए पेयजल कनेक्शन में जो भी धनराशि व्यय होनी है, संबंधित से ली जाए. इसके साथ ही यदि किसी व्यक्ति द्वारा टैंकर से पानी की व्यवस्था की मांग की जाती है तो उसे उचित मूल्य पर टैंकर से पानी उपलब्ध कराया जाए.
अधिशासी अभियंता विद्युत को उन्होंने निर्देश दिए कि उनके द्वारा होटल व्यवसायियों द्वारा लिए गए कनेक्शनों में एक बार सभी का निरीक्षण करते हुए उनके लोड के अनुसार उन्हें विद्युत आपूर्ति करते हुए मीटर लगाए जाएं. जिससे विद्युत बिल की वसूली सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग पर यात्रियों की सुविधा के लिए 70 स्थानों को चिन्हित करते हुए शौचालय की व्यवस्था की जाएगी. इसके साथ ही केदारपुरी में भी उचित शौचालय की व्यवस्था की जाएगी.