ग्रेटर नोएडा के रिहायशी सेक्टरों के नाम जल्दी ही बदले जा सकते हैं. रेसिडेंशियल एरिया में अब सेक्टर एक, दो, तीन, चार यानी संख्यात्मक हो जाएंगे. अभी ये नाम अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा आदि से पहचाने जाते हैं.
इस प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाने के लिए प्राधिकरण ने एक कमेटी भी गठित कर दी है. यह कमेटी ग्रेटर नोएडा में रहने वाले लोगों के सुझाव लेगी. उसके बाद इन सुझावों के आधार पर इसे अंतिम रूप दिया जाएगा.
दरअसल, अल्फा-बीटा से इन सेक्टरों की लोकेशन का अंदाजा नहीं लग पाता है. इसे ध्यान में रखते हुए प्राधिकरण इन सेक्टरों के नाम बदलने पर विचार कर रहा है. इसको लेकर सीईओ नरेंद्र भूषण की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें एसीईओ दीप चंद्र और अमनदीप डुली समेत सभी वरिष्ठ अधिकारीगण शामिल हुए.
बैठक में इन नामों को बदलने पर सहमति बनी, जितने भी औद्योगिक सेक्टर हैं, उनके नाम ईकोटेक से रहेंगे. संस्थागत और आईटी सेक्टरों के नाम नॉलेज पार्क वन, टू, थ्री, फोर …, से ही रहेंगे. टेकजोन नाम खत्म किए जाएंगे. रिहायशी सेक्टरों के नाम सेक्टर-एक, दो, तीन, चार…, जैसे संख्यात्मक अंकों से होंगे.
इनके लागू होने के बाद संपत्ति की लीज डीड होने पर नए नाम के साथ ही कोष्ठक में पुराने नाम भी लिखे जाएंगे, ताकि कोई असमंजस की स्थिति न हो. इस प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाने के लिए सीईओ ने एसीईओ दीप चंद्र की अध्यक्षता में कमेटी बना दी है. कमेटी से शीघ्र प्रस्ताव देने को कहा गया है. कमेटी इसे अंतिम रूप देने से पहले ग्रेटर नोएडावासियों से भी सुझाव लेगी. उसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा. आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा का गठन 1991 में हुआ था और तबसे ही इन रिहायशी इलाकों के नाम अल्फा, बीटा, गामा आदि पर रखे हुए थे.