चमोली
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ग्रामीण इलाकों में बर्फबारी ना होने से सेब के काश्तकार परेशान
जोशीमठ के ऊपरी इलाकों में इस वर्ष भी बर्फबारी ना होने से सेब के काश्तकार हुए परेशान आपको बता दें कि जोशीमठ के ऊपरी ग्रामीण इलाकों में हर वर्ष कई टन सेब की पैदावार होती है और बता दें कि विगत कई वर्षों से निचले इलाकों में बहुत कम मात्रा में बर्फबारी हो रही है जिसका असर सीधा-सीधा सेब के बगीचों में पड़ रहा है वहीं स्थानीय किसानों का कहना है कि जिस वर्ष निचले इलाकों में अधिक बर्फबारी होती है उस वर्ष सेब की पैदावार भी जमकर होती है स्थानीय किसानों का कहना है कि हम लोग बर्फबारी पर ही निर्भर रहते हैं वही आप तस्वीरों में देख सकते हैं किस तरह से इस वर्ष भी सेब के पेड़ किस तरह से सूखे सूखे से नजर आ रहे हैं तस्वीरों में आप अंदाजा लगा सकते हैं। वही एक और किसानों का कहना है कि उन्होंने साल भर अपने सेब के बगीचों में जमकर मेहनत करें और इस वर्ष भी उनकी मेहनत रंग नहीं ला पाई बता दें कि आजकल काफी मायूस दिखाई दे रहे हैं स्थानीय किसान अभी भी स्थानीय किसानों को निचले इलाकों में बर्फबारी का इंतजार है। आपको बताते हैं कि जोशीमठ के बड़ा गांव में 12 महीने सब्जी की पैदावार होती है और यहां के अधिकांश लोग खेती किसानी पर ही निर्भर रहते हैं वही बड़ा गांव के स्थानीय किसानों का कहना है कि बर्फबारी न होने से उनकी आजीविका पर काफी असर पड़ चुका है।। बड़ी बात तो यह है कि विगत कई वर्ष पहले जोशीमठ के ऊपरी इलाकों मैं कई टन बंपर सेब की पैदावार देखने को मिली थी लेकिन विगत कई वर्षों से सेब की पैदावार में काफी कमी आ चुकी है।