दिल्ली हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की दिसंबर 2018 में हुई कॉलेजियम की बैठक के एजेंडे की सूचना मांगने वाली याचिका खारिज कर दी है. जस्टिस यशवंत वर्मा ने कहा कि अखबार में छपी खबरें साक्ष्य नहीं हो सकती हैं और उसके आधार पर कोर्ट संज्ञान नहीं ले सकता है.

हाईकोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की 12 दिसंबर 2018 को हुई बैठक के बारे में कोई साक्ष्य नहीं है. इसलिए उस बैठक के एजेंडे की सूचना नहीं दी जा सकती है. कोर्ट ने 28 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था. याचिका अंजलि भारद्वाज ने दायर की थी. याचिका में केंद्रीय सूचना आयुक्त के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की 12 दिसंबर 2012 की हुई बैठक के एजेंडे की सूचना मांगने संबंधी अपील खारिज कर दी गई थी. 16 दिसंबर 2021 को केंद्रीय सूचना आयोग ने याचिकाकर्ता की अपील को खारिज कर दिया था.

याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस मदन बी लोकुर 30 दिसंबर 2018 को रिटायर हुए थे. 23 जनवरी 2019 को एक इंटरव्यू में जस्टिस लोकुर ने कहा था कि 12 दिसंबर 2018 को हुई कॉलेजियम की बैठक को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाईट पर अपलोड नहीं किया गया था. उसके बाद याचिकाकर्ता ने 26 फरवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट के केंद्रीय जन सूचना अधिकारी के समक्ष आरटीआई के जरिये आवेदक कर 12 दिसंबर 2018 की कॉलेजियम की हुई बैठक के एजेंडे और फैसले की सूचना मांगी.

सुप्रीम कोर्ट के केंद्रीय जन सूचना अधिकारी ने वह सूचना देने से इनकार कर दिया था. उसके बाद याचिकाकर्ता ने पहली अपीलीय प्राधिकार को यहां अपील दायर की थी. पहली अपीलीय प्राधिकार ने यह कहते हुए अपल को खारिज कर दिया कि 12 दिसंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की ऐसी कोई बैठक हुई ही नहीं थी. उसके बाद याचिकाकर्ता ने दूसरी अपीलीय प्राधिकार के तौर पर केंद्रीय सूचना आयुक्त के पास अपील की. केंद्रीय सूचना आयुक्त ने भी याचिकाकर्ता की अपील को खारिज कर दिया था.

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