नई दिल्ली : म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ऑफ दिल्ली बिल 2022 (MCD Bill 2022) पर गृह मंत्री ने अमित शाह ने लोक सभा में कहा, पहले दिल्ली में तीन अलग-अलग नगर निगम नहीं थे. उन्होंने कहा कि किस उद्देश्य से दिल्ली नगर निगम को तीन भाग में बांटा गया, यह उद्देश्य गृह मंत्रालय के दस्तावेजों में स्पष्ट नहीं होता है. उन्होंने कहा, दिल्ली की तीन नगर निगमों के साथ दिल्ली सरकार सौतेली मां जैसा व्यवहार कर रही है. उन्होंने वित्तीय पहलुओं का जिक्र कर कहा कि बिना सोचे-समझे गए बांटे गए नगर निगमों में दो निगमों को अधिक लाभ और आवंटन किया जाएगा, जबकि एक नुकसान में रहेगा.
बिल पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, गृह मंत्री ने स्वीकार किया है कि जब कोई मंशा नहीं दिखती हो उद्देश्य राजनीतिक नजर आता है. उन्होंने कहा कि 1991 में प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के कार्यकाल में दिल्ली नगर निगम को तीन हिस्सों में बांटा गया. संविधान में 39एए जोड़ा गया. संशोधन के तहत दिल्ली में विधानसभा बनी. नेशनल कैपिटल टेरिटरी (NCT) का कानून बना. उन्होंने कहा कि एमसीडी विलय का फैसला दिल्ली को केंद्र के नियंत्रण में ले जाने की ओर बढ़ाया गया कदम है.