राजधानी का एक मात्र अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. स्टेडियम का प्रयोग कोरोना काल में कोविड केयर सेंटर (covid care center) के रूप में किया गया था. अब कोविड केसों में कमी आने के बाद इसका प्रयोग नहीं हो रहा है. वहीं, अब स्वास्थ्य विभाग और खेल विभाग की अनदेखी के चलते यह बदहाल पड़ा हुआ है. जबकि, उत्तराखंड सरकार का दावा (Uttarakhand government claims) है कि 2024 में इस स्टेडियम में 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन किया जाएगा, लेकिन स्टेडियम की बदहाली देख कर ये दावा हवा हवाई लग रहा है.

ईटीवी भारत ने राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम देहरादून (Rajiv Gandhi International Stadium Dehradun ) पहुंचकर यहां की स्थिति का जायजा लिया. जब हमारी टीम इस अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम पहुंची तो उन्होंने देखा कि यहां लगी करोड़ों की घास खराब हो चुकी है. इसके साथ ही वहां पर लगे स्कोर बोर्ड सहित कई स्टैंड भी खराब पड़े हुए हैं. जगह-जगह पानी की खाली पड़ी बोतलें, इसकी बदहाली की तस्वीर बयां कर रही हैं.

बता दें कि वर्ष 2020-21 में कोरोना महामारी (corona pandemic) के समय अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के साउथ और नार्थ ब्लॉक को कोविड केयर सेंटर बनाया गया था. वहीं, अब कोरोना संक्रमण में आई गिरावट को देखते हुए इसका प्रयोग स्वास्थ्य विभाग द्वारा नहीं किया जा रहा है. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने स्टेडियम को बदहाल हाल में ही छोड़ दिया है.

वहीं, खेल मंत्री रेखा आर्य ने भी माना कि राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की स्थिति बेहद चिंताजनक है. उन्होंने कहा स्टेडियम का निरीक्षण करने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से इस संबंध में बात की है. जिसके लिए भारत सरकार के निर्देशानुसार कोविड को देखते हुए मई अंत तक स्वास्थ्य विभाग इसका प्रयोग करेगी. उसके बाद 2024 में होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए स्टेडियम को तैयार किया जाएगा. इसके साथ ही केंद्र सरकार से भी इसके लिए धनराशि मांगी जा रही है.

बता दें कि देहरादून स्थित राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में अब तक अफगानिस्तान और आयरलैंड सहित अफगानिस्तान और बांग्लादेश के बीच दो अंतरराष्ट्रीय सीरीज हो चुकी है. यह अफगानिस्तान क्रिकेट टीम का घरेलू मैदान भी है.

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