उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) के वरिष्ठ अधिवक्ता व पूर्व सांसद डॉ. महेंद्र पाल (Dr. Mahendra Pal) ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में अधिवक्ता कोटे से 3 जजों के पद लंबे समय से रिक्त होने पर गहरी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने इन पदों पर शीघ्र नियुक्ति की मांग की है. सोमवार को हाईकोर्ट बार सभागार में प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. महेंद्र पाल ने कहा कि उत्तराखंड हाईकोर्ट में अधिवक्ता कोटे के तीन पद रिक्त हैं.

उत्तराखंड हाईकोर्ट देश का एकमात्र ऐसा हाईकोर्ट है, जहां अधिवक्ता कोटे के इतने पद रिक्त हैं. ये पद रिक्त होने का कारण उत्तराखंड हाईकोर्ट में काफी समय से स्थाई मुख्य न्यायाधीश ना होना भी है. मुख्य न्यायाधीश ना होने से हाईकोर्ट की कोलोजियम से किसी अधिवक्ता के नाम की संस्तुति जज बनाए जाने के लिए नहीं हुई. उत्तराखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं को वर्तमान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा के जल्द ही मुख्य न्यायाधीश बनने की संभावना थी, किन्तु उन्हें अब तक मुख्य न्यायाधीश नहीं बनाया गया.

डॉ. पाल ने उत्तराखंड सरकार से इस मामले में सुप्रीम कोर्ट व केंद्र सरकार के समक्ष पैरवी करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट में अधिवक्ता कोटे के जजों के पद रिक्त होने से एक ओर अधिवक्ताओं का हक छीना जा रहा है. दूसरी तरफ हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की कमी से मुकदमों का निस्तारण समय पर नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण वादों की संख्या बढ़ती जा रही. उन्होंने बताया कि इसी माह न्यायमूर्ति नारायण सिंह धनिक की सेवानिवृत्ति के बाद जजों की संख्या और कम हो जाएगी.

वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. पाल ने उत्तराखंड विधि विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर राज्य सरकार की नीति की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूर्व में राज्य में जल्दी लॉ विश्वविद्यालय खोलने के निर्देश सरकार को दिए थे. किन्तु सरकार लॉ विश्वविद्यालय खोलने के बजाय हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से स्टे ले आई. इसके अलावा हाईकोर्ट ने विधि विश्वविद्यालय भवाली या प्रागफार्म, खुरपिया फार्म में खोलने का आदेश दिया था. लेकिन इसे डोईवाला देहरादून में खोलने जा रही है, जो हाईकोर्ट के आदेशों के खिलाफ है.

डॉ. महेंद्र पाल ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता व जज रहे न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया के सुप्रीम कोर्ट में जज बनने पर खुशी व्यक्त करते हुए इसे उत्तराखंड के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताया. पत्रकार वार्ता में अधिवक्ता आर पी सिंह, कमलेश तिवारी, शक्ति सिंह, पंकज गोस्वामी, सूरज पांडे, सौरभ अधिकारी, विनोदानंद बर्त्वाल, बी एस कोरंगा, विक्रमादित्य शाह, सरिता बिष्ट, जाकिर अली, आरपी भट्ट सहित बड़ी संख्या में अन्य अधिवक्ता मौजूद थे.

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