देहरादून: शिक्षा विभाग की विवादित अधिकारी (controversial officer of Education Department) दमयंती रावत को लेकर जहां सरकार बड़ा एक्शन लेने की तैयारी कर रही है. वहीं, परिस्थितियों को भापते हुए दमयंती ने महकमे को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन कर दिया है. हालांकि, दमयंती रावत की वीआरएस की फाइल फिलहाल शासन में लटकी हुई है और इस पर महकमे ने फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया है. विभाग के एक अधिकारी ने इस खबर की पुष्टि की है.

पूर्व कैबिनेट मंत्री और उत्तराखंड में दबंग नेता हरक सिंह रावत (Uttarakhand leader Harak Singh Rawat) की करीबी दमयंती रावत ने शिक्षा विभाग को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए इच्छा जाहिर की है. इसके लिए बकायदा दमयंती रावत में शिक्षा विभाग में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन भी कर दिया है और इससे जुड़ी फाइल फिलहाल शासन में धूल फांक रही है.

आपको बता दें कि दमयंती रावत पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के सत्ता में रहते हुए कई महत्वपूर्ण पदों पर रही हैं. यही नहीं शिक्षा विभाग में अधिकारी होने के बावजूद उन्होंने अपने मूल विभाग से इजाजत लिए बिना हरक सिंह रावत के विभागों में प्रतिनियुक्ति पर कई सालों तक काम किया है लेकिन अब जब हरक सिंह रावत सत्ता में नहीं है और राजनीतिक रूप से हाशिए पर हैं. ऐसे में स्थितियों को भापते हुए दमयंती रावत ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हरक सिंह रावत के कांग्रेस में जाने के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन शिक्षा विभाग में दिया था.

खास बात यह है कि शिक्षा विभाग से यह फाइल शासन को तो भेजी गई लेकिन उसके बाद ही फाइल शासन में ही लटक कर रह गई. इसके पीछे वजह मानी जा रही है कि सरकार दमयंती रावत पर कोई कड़ा एक्शन लेने के मूड में है.

खबर है कि सरकार ने दमयंती की बर्खास्तगी को लेकर जांच कराने के लिए बकायदा एक फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय तक भेजी है। इन सभी स्थितियों को देखते हुए और सरकार की घेराबंदी को समझते हुए संभवत दमयंती रावत ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति कर इस से पीछा छुड़ाने की कोशिश की है. वहीं, विभाग के एक अधिकारी ने इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा है कि दमयंती रावत की तरफ से शिक्षा विभाग में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन किया गया था, जिस पर अब तक विचार नहीं किया गया है.

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