रुड़की: उत्तराखंड के प्रवेश द्वार से सटा मंगलौर कस्बा गुड़ और आम के लिए देश भर में मशहूर है. मंगलौर का आम देश के कई हिस्सों में सप्लाई किया जाता है और आम प्रसिद्ध होने के साथ-साथ यहां के अधिकतर किसान आम की पैदावार पर निर्भर हैं. कोरोनाकाल के चलते पिछले दो सालों से आम की पैदावार की सप्लाई नहीं हो पाई, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन इस बार आम का व्यापार करने वाले किसानों के चेहरे खिले हुए हैं.

किसानों को इस बार अच्छी पैदावार होने की उम्मीद है. जिससे दो सालों से आम की पैदावार में हो रहे घाटे की भरपाई हो सकेगी. वहीं आम की खेती करने वाले किसानों ने बताया कि कोरोनाकाल के चलते आम के बागों का रख रखाव सही से नहीं हो सका, साथ ही आम की सप्लाई भी नहीं हो सकी और अधिकतर आम की पैदावार पूरी तरह बर्बाद हो गई थी. लेकिन इस बार आम की पैदावार बहुत अच्छी हुई है. वहीं, किसानों का कहना है कि मौसम की मार नहीं पड़ी तो उन्हें अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद है.

साथ ही घाटे से उबरने की आस भी जगी है. बता दें कि कोरोनाकाल में किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है, दो साल से किसान आर्थिकी से जूझते दिखाई दिए हैं, वहीं जैसे ही कोरोना के मामले कम हुए हैं वैसे ही गाइडलाइन में छूट भी मिली है. मंगलौर में आम की अच्छी पैदावार के साथ ही किसान बाजार में भाव मिलने की उम्मीद लगाए हुए हैं.

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