देहरादून: उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा का प्रथम सत्र आज से शुरू हो गया है. विधानसभा सत्र राज्यपाल के अभिभाषण के साथ हुआ. विपक्ष अभी तक अपना नेता नहीं चुन पाया है यानी विधानसभा सत्र की शुरूआत बिना नेता प्रतिपक्ष के हुई है. हालांकि, पहली बार सदन पहुंचीं कांग्रेस विधायक अनुपमा रावत ने पहले दिन से ही धुआंधार बैटिंग शुरू कर दी है. इस मौके पर ईटीवी भारत संवाददाता ने अनुपमा रावत से खास बातचीत की.

विधानसभा सत्र के पहले दिन कांग्रेस ने राज्य सरकार को महंगाई के मुद्दे पर घेरा है. कांग्रेस विधायक अनुपमा रावत ने महंगाई को अनोखे रूप में विरोध किया. राज्यपाल का अभिभाषण जैसे ही खत्म हुआ वह अपना दुपट्टा फैलाए सदन के बाहर निकली और जिस पर महंगाई को लेकर भाजपा विरोधी नारे लिखे थे. अनुपमा रावत सदन से बाहर निकलकर पूरी तरह से फॉर्म में नजर आईं और भाजपा सरकार को महंगाई पर जमकर खरी-खोटी सुनाई.

अनुपमा रावत का यह विरोध का अंदाज कहीं ना कहीं हरीश रावत की याद दिलाता है और जिस तरह से वह बेबाक होकर सरकार को घेरने का काम कर रही हैं. इससे पता लगता है कि हरीश रावत की विरासत को कहीं ना कहीं अनुपमा रावत बेहद आगे लेकर जाएंगी. अनुपमा रावत ने ईटीवी भारत के माध्यम से राज्यापाल के अभिभाषण का भी विरोध किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को उम्मीद थी कि राज्यपाल के अभिभाषण में महंगाई को रोकने के लिए सरकार को सख्त दिशा निर्देश दिए जाएंगे, लेकिन अभिभाषण में ऐसा कुछ नहीं था.

अनुपमा रावत ने कहा कि उनको लग रहा था कि वो उनको इस दुपट्टे को दिखाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, लेकिन उनको ऐसा करना पड़ा. उन्होंने कहा कि महंगाई से महिलाओं के हाल बुरे हैं. गैस सिलेंडर की कीमत एक हजार के पार हो गई है. महिलाओं को दोबारा लकड़ियों के चूल्हे का इस्तेमाल करने पर मजबूर होना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें भी लगातार बढ़ रही हैं. लगातार बढ़ रही इस महंगाई से आम जनता परेशान है. 

हालांकि, उत्तराखंड में चल रहा विधानसभा सत्र अभी केवल लेखा अनुदान के लिए बुलाया गया है लेकिन यह विधानसभा सत्र उत्तराखंड के राजनीति में आए राजनीति उन नए राजनीतिक चेहरों के लिए भी अहम है, जो पहली दफा जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं.