राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रि) गुरमीत सिंह क पहल पर राजभवन स्थित प्रेक्षागृह में ‘पथ प्रदर्शक’ कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में मेधावी छात्रों को राज्यपाल गुरमीत सिंह ने छात्रवृत्तियां प्रदान की. साथ ही कार्यक्रम में कला, लोक संस्कृति, समाज सेवा, संगीत, स्वयं सहायता समूह समेत महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में नेतृत्व करने वाली विशिष्ट प्रतिभाओं को भी सम्मानित किया गया.

राजभवन में आयोजित पथ प्रदर्शक (Path Pradarshak program) कार्यक्रम के माध्यम से अलग-अलग शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले 30 मेधावी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्तियां प्रदान की गई. जबकि, 214 बच्चों को संबंधित जिलाधिकारियों की ओर से छात्रवृत्तियां प्रदान की जाएगी. ऐसे में कुल 244 छात्रों को छात्रवृत्तियां दी जा रही है.

इस दौरान उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद (Uttarakhand State Council for Child Welfare) की ओर से आयोजित राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता के 5 विजेताओं को मेडल व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया. वहीं, राज्य स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता के लिए अलग-अलग कैटेगरियों में 13 छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया. इस कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाली अल्मोड़ा की प्रेमा मेहता, बागेश्वर की सविता नगरकोटी और पिथौरागढ़ की प्रेमा बसेड़ा ने अपने-अपने अनुभव साझा किए.

वहीं, उनके योगदान और जनसेवा के कार्यों के लिए राज्यपाल ने सराहना भी की. कार्यक्रम में भातखंडे संगीत महाविद्यालय की छात्राओं ने कथक नृत्य, देवभूमि संस्कृत विश्वविद्यालय की छात्राओं ने योगाभ्यास के अलावा कुमारी कृतिका कुकरेजा ने शास्त्रीय नृत्य और आरसी जुयाल ने मोरचंग वादन (बिणाई) प्रस्तुत किया.

अपने संबोधन में राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि ‘पथ प्रदर्शक’ कार्यक्रम का मकसद राज्य की प्रतिभाओं को निखरना और उन्हें प्रेरित कर आगे बढ़ाना है. साथ ही महिला सशक्तिकरण व बालिका कल्याण को प्रोत्साहन देना भी मुख्य मकसद है. उन्होंने कहा कि जो छात्र पढ़ना चाहते हैं या फिर किसी कारणवश पढ़ नहीं पाते, उन्हें छात्रवृत्ति के माध्यम से अपने सपनों को पूरा करने का मौका मिलेगा.

बेहतर व्यवस्था के लिए दें सुझावः शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में महिला कल्याण, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार की ओर से विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है. उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति लागू किया जा रहा है. ऐसे में प्रदेश के शिक्षाविदों से आग्रह है कि वो अपने सुझाव सरकार को दें. ताकि शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर तरीके से योजनाओं का संचालन हो सके.

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