गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही 3 मई से चारधाम यात्रा शुरू (Uttarakhand Chardham Yatra) हो जाएगी. इसके बाद 6 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे और 8 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे. पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज (Tourism Minister Satpal Maharaj) ने शनिवार 23 अप्रैल को चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की.

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की समीक्षा बैठक (satpal maharaj held review meeting) में स्वास्थ्य, परिवहन और पर्यटन विभाग के अलावा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे. मंत्री सतपाल महाराज ने सभी विभागों के अधिकारियों को कहा कि वे बेहतर तरीके से समन्वय स्थापित करें ताकि चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े. पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा मार्ग पर खाद्य सामग्री की कमी नहीं पड़नी चाहिए. इसको लेकर जो भी प्लान हो वो तैयार किया जाए. श्रद्धालुओं को ताजा और अच्छा खाना मिले, इसका विशेष ध्यान रखा जाए. संबंधित विभाग समय-समय पर इसको लेकर चेकिंग अभियान भी चलाएं. श्रद्धालुओं को रहने और खाने में कोई समस्या नहीं आनी चाहिए.

चारधाम यात्रा में मास्क जरूरी रहेगा: देश में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं. हालांकि उत्तराखंड में अभी स्थिति कंट्रोल में है, लेकिन भीड़ बढ़ने के साथ ही कोरोना के मामले बढ़ने की भी आशंका है. इस पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान मास्क सभी के लिए अनिवार्य रहेगा. इसके अलावा यदि केंद्र सरकार कोरोना को लेकर कोई गाइडलाइन जारी करती है तो प्रदेश सरकार उसका भी पालन करेगी.

कॉमन सिविल कोड को सही बताया: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भोपाल में दिए अपने एक भाषण में साफ किया है कि बीजेपी सरकार कॉमन सिविल कोड लाने की भी तैयारी कर रही है. इस पर उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल ने कहा कि कॉमन सिविल कोड राष्ट्र हित में होगा. उसे उनकी सरकार भी स्वीकार करती है. निश्चित रूप से उत्तराखंड के अंदर भी कॉमन सिविल कोड कानून लाया जाएगा.

बता दें कि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज भले ही समीक्षा बैठक कर अधिकारियों को बेहतर चारधाम यात्रा संचालित करने के लिए निर्देश दे रहे हैं, लेकिन कुछ समस्याएं ऐेसी हैं, जो चारधाम यात्रा में बड़ी बाधा डालने के साथ ही सरकार की तैयारियों को पोल भी खोल रही हैं. दरअसल, गढ़वाल डीआईजी करन सिंह नगन्याल हाल ही में चारधाम यात्रा मार्ग का जायजा लेकर देहरादून लौटे हैं. उन्होंने शासन को जो रिपोर्ट सौंपी है, उसके हिसाब के बदरीनाथ हाईवे की स्थिति बहुत खराब है. हाईवे पर कई डेंजर जोन सक्रिय है, जिनकी मरम्मत होनी बहुत जरूरी है. हनुमान चट्टी के पास 12 किलोमीटर मार्ग का हिस्सा प्राकृतिक आपदा के कारण क्षतिग्रस्त हो रखा है. ऐसे में वहां से आवाजाही करना जान जोखिम में डालने जैसे है.

रिपोर्ट में भूस्खलन से प्रभावित इलाकों का भी जिक्र किया है. बताया है कि भूस्खलन से प्रभावित इलाकों में मरम्मत का काम कछुए की गति से चल रहा है. आगामी 8 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे, उससे पहले ये काम पूरे होने के आसार नहीं लग रहे हैं. ऐसे में बदरीनाथ धाम जाने वाले यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

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