चारधाम यात्रा मार्ग के अलावा रुद्रप्रयाग जनपद की हजारों की आबादी को जोड़ने वाला मोटरपुल जर्जर हालत में है. अलकनंदा नदी पर बना यह पुल भारी वाहनों के गुजरने से कांपने लगता है. साल 2013 की आपदा में भी पुल को काफी क्षति पहुंच चुकी है, लेकिन आज तक पुल का ट्रीटमेंट नहीं हो पाया है. ऐसे में इस जर्जर पुल पर किसी हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता है.

बता दें कि रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी के ऊपर कई दशकों पहले निर्मित मोटरपुल मौजूद है. ट्रीटमेंट के अभाव में यह पुल जर्जर हालत में पहुंच चुका है. भारी वाहनों के चलने से पुल हिलने लगता है. करीब 50 मीटर लंबे इस पुल को 16-17 जून 2013 की आपदा में भी काफी क्षति पहुंचा था. पुल पर एक बार में एक ही वाहन चलाने के निर्देश हैं, लेकिन पुल पर एक साथ कई वाहन गुजरते हैं, जिससे पुल की स्थिति दिनोंदिन जर्जर होती जा रही है

इस मोटरपुल से जहां रुद्रप्रयाग जनपद की हजारों की आबादी जुड़ी हुई है. वहीं, चारधाम यात्रा का संचालन भी इसी पुल से होता है. केदारघाटी और केदारनाथ धाम को जोड़ने के लिए यही पुल निर्मित है. पुल के ट्रीटमेंट की स्थानीय जनता भी लगातार मांग करती आ रही है, लेकिन पुल का ट्रीटमेंट नहीं हो पाया है. जर्जर हो चुके इस पुल से आवाजाही करने में खतरा महसूस होता है. पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने कहा कि पुल के दोनों छोरों पर ट्रैफिक पुलिस को तैनात किया गया है. एक साथ में एक से दो वाहन को आर-पार कराया जा रहा है.

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