बीएसए लखनऊ खुद मानते हैं कि वो करीब 250 स्कूलों की मैपिंग नहीं कर पाए हैं. गोमतीनगर के आनंद कुमार ने आरटीई के तहत अपने बच्चे के लिए आवेदन करने की कोशिश की. वह अपने बेटे को लखनऊ पब्लिक स्कूल विराट खण्ड गोमतीनगर में प्रवेश दिलाना चाहते थे. आरटीई के तहत ऑनलाइन आवेदन के दौरान कोशिश करने पर यह स्कूल शिक्षा विभाग के पोर्टल http://www.rte25.upsdc.gov.in पर दिखाई ही नहीं दिया.

लखनऊ में इस तरह से निजी स्कूलों की संख्या करीब 950 के आसपास है. वहीं बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी खुद मानते हैं कि 250 से ज्यादा स्कूलों को अभी तक आरटीई के दायरे में नहीं लाया जा सका है. समाजसेवी आलोक सिंह ने बताया कि वह कई परिवारों के बच्चों के ऑनलाइन आवेदन करने का प्रयास कर रहे थे. इस दौरान कई बड़े स्कूलों के नाम सामने आए हैं.

इसमें किंग जॉर्ज इंटर कॉलेज इस्माइलगंज, चिनहट का केजी मॉडल कॉलेज, लिटिल मास्टर स्कूल समेत कई अन्य स्कूल ऑनलाइन सूची में नहीं दिखाए दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि आरटीई के तहत इन निजी स्कूलों की निशुल्क सीट पर प्रवेश पाना बच्चों का अधिकार है. यह अधिकारियों और निजी स्कूल प्रबंधकों की साथ सांठगांठ का नतीजा है

केन्द्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय की ओर से यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इन्फॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (Unified District Information System for Education) नाम से प्लेटफार्म विकसित किया है. इसमें जिले के सभी स्कूलों का ब्यौरा होता है. UDISE के डेटा के मुताबिक, लखनऊ में स्कूलों की संख्या 2711 है. आरटीई की वेबसाइट पर सिर्फ 1796 स्कूल दिखाए गए हैं. साफ है कि करीब 950 स्कूलों की सूचना आरटीई की वेबसाइट पर नहीं है.

बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेंद्र विक्रम बहादुर ने कहा कि प्रकरण गंभीर है. इसे लेकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी लखनऊ से बात की जाएगी. वहीं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विजय प्रताप सिंह ने स्वीकार किया है कि करीब 250 स्कूलों की मैपिंग नहीं हो पाई है. इसके लिए निर्देश जारी किए गए हैं और स्कूलों को चेतावनी भी दी गयी है.

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