उत्तराखंड विधानसभा स्पीकर ऋतु खंडूड़ी (Uttarakhand Speaker Ritu Khanduri) और कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा (Minister Saurabh Bahuguna) ने संयुक्त रूप से अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक (held a review meeting) की. इस दौरान बैठक में चर्चा की गई कि कौशल विकास विभाग की ओर युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाए. विधान सभा अध्यक्ष ने विशेष तौर पर कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र में कौशल विकास विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की. ये बैठक देहरादून विधानसभा भवन में की गई थी.
बैठक में उत्तराखंड विधानसभा स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने अपने विधानसभा क्षेत्र कोटद्वार में कौशल के क्षेत्र में युवाओं को दी जाने वाली ट्रेनिंग एवं कोर्सों की जानकारी ली. इस दौरान उन्होंने कहा कि ऐसी योजनाएं बनाएं, जिससे युवाओं को लाभ मिले. साथ ही योजना बनाते समय भौगोलिक परिस्थितियों का भी ध्यान रखें. उन्होंने कहा कि कौशल विकास द्वारा रोजगार के नये अवसर पैदा करने के लिए नौजवानों को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार कुशल बनाकर रोजगार मुहैया कराया जाना आवश्यक है. शिक्षा के साथ युवाओं के हुनर को निखारना बेहद जरूरी है.
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि विभाग के अधिकारी राज्य की औद्योगिक संस्थाओं से संपर्क करें और ज्यादा से ज्यादा प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार राज्य में ही उपलब्ध करवाएं. उन्होंने कहा कि कौशल विकास का उद्देश्य केवल प्रशिक्षण देना ही नहीं बल्कि युवाओं के लिए रोजगार सृजित करना भी है. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि राज्य की औद्योगिक संस्थाओं को जिस प्रकार की स्किल चाहिए, उसी प्रकार का प्रशिक्षण युवाओं को दिया जाए. इससे न सिर्फ प्रदेश के युवाओं रोजगार मिलेगा, बल्कि पलायन पर भी रोक लगेगी. विधानसभा अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के संदर्भ में भी अधिकारियों से जानकारी ली.
विधानसभा अध्यक्ष ने अपने विधानसभा क्षेत्र कोटद्वार में विशेष तौर पर अधिकारियों से सिडकुल से संपर्क करने के लिए कहा, जिससे स्थानीय प्रशिक्षित युवाओं को सिडकुल में रोजगार के अवसर प्रदान हो सकें. इस अवसर पर कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि जल्द ही प्रदेश के सभी औद्योगिक संस्थानों के साथ बैठक कर प्रदेश के प्रशिक्षित युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार दिए जाने के संबंध में वार्ता की जाएगी. कौशल विकास मंत्री ने भी अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जितने लोगों ने प्रशिक्षण लिया उनमें से कितने लोग रोजगार पा चुके हैं, इसकी जानकारी होना आवश्यक है. ग्रामीण क्षेत्रों में ब्लॉक स्तर पर सिडकुल खोले जाने चाहिए की संभावनाओं पर विचार करने को कहा गया है.