जनपद में पशुपालक प्रशासन के रडार पर हैं. जिले में गोशालाओं के करीब 341 पशुपालक और प्रधानों को प्रशासन ने चेतावनी दी है. 558 गाय लेकर छोड़ने वाले 341 पशुपालकों की सूची तैयार की गई है. साथ ही सीडीओ ने पशुपालकों को नोटिस भी जारी किया है. अब प्रशासन इनसे चारे के लिए दी गई धनराशि की रिकवरी करेगा.

जनपद में गोशालाओं से 558 गोवंश को खुला छोड़ने वालों और उनका चारा-दाना चट करने वालों की अब खैर नहीं होगी. गायों का चारा चट करने वाले 341 लोगों की लिस्ट बनाई गई है. साथ ही अब उनसे प्रति माह 900 रूपये के हिसाब से दी गई धनराशि की रिकवरी की जाएगी. इसके लिए सीडीओ ने नोटिस जारी कर दिए हैं.

जिले में गोवंशों के संरक्षण के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर गोशालाएं बनाई गई हैं. इन गोशालाओं से पशुधन सहभागिता योजना के तहत पशुपालकों को नि:शुल्क गाय दी गईं. उनके भरण-पोषण के लिए 30 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 900 रुपये प्रतिमाह पशुपालकों के खाते में भेजे गए हैं. पशुपालन विभाग से कुल 1352 गायों के चारा-दाना के लिए धनराशि पशुपालकों को भेजी गई. वहीं, सत्यापन कराया गया तो 547 गाय ही मौके पर मिलीं. जबकि, 805 गाय लापता थीं.

जिले के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी राजकिशोर ने बताया पशुपालकों को चिन्हित किया गया है और उनपर कार्रवाई की जाएगी. वहीं, सीडीओ एम अरुण मौली ने पशुपालकों को जारी नोटिस में कहा है कि गाय लेकर छोड़ने के बावजूद सितंबर 2021 तक भरण-पोषण की धनराशि ली जाती रही है. पशुपालकों को हिदायत देते हुए धनराशि संबंधित गोशाला के बैंक खाते में जमा कराने को कहा गया है. वहीं, धनराशि जमा नहीं करने पर सख्ती से वसूली जाएगी.

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