राजधानी लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में मंगलवार को भाजपा के कद्दावर नेता रहे लालजी टंडन के जन्मदिन के मौके पर भजन संध्या व सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए. इस मौके पर सीएम योगी ने लालजी टंडन को याद करते हुए उनकी यादों को साझा किया. उन्होंने कहा कि आज भले वो भौतिक रूप से हमारे बीच न हों, लेकिन उनकी स्मृतियां हमारे बीच हमेशा रहेंगी. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि लालजी टंडन और अटल बिहारी वाजपेयी काफी करीब थे. अटल जी उनकी हर बात मानते थे. उन्होंने कहा कि लालजी टंडन का जन्म लखनऊ में हुआ था और लखनऊ उनकी रग-रग में बसा था. वह जहां भी जाते थे, लखनऊ की संस्कृति उनके साथ जाती थी.

उन्होंने कहा कि अपनी जन्मस्थली से दूर रहने के बाद भी वह राज्यपाल के रूप में जहां भी रहते थे, वहां लखनऊ को साथ लेकर रहते हैं. फिर चाहे लखनऊ की संस्कृति हो या फिर लखनऊ के खाने पीने के सामान. राज्यपाल के रूप में वो जहां भी रहे लखनऊ के साथ उनकी आत्मीयता रही है. वो समस्याओं का समाधान करने में माहिर थे. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि लालजी टंडन ने लखनऊ में होने वाले दंगों को खत्म करने का काम किया.

वहीं, इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने लालजी टंडन की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. कार्यक्रम की शुरुआत पद्मश्री भजन गायक अनूप जलोटा (Anup Jalota Bhajan) की भजनों से हुई. जलोटा ने अपनी मधुर स्वर में ऐसी लागी लगन, मीरा हो गई मगन… कौन कहता है भगवान आते नहीं, तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं…भक्ति के ऐसे तमाम भजनों को सुनकर वहां मौजूद श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए.

इधर, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने लालजी टंडन को याद करते हुए कहा कि बाबूजी को पार्टी के हर इंसान के बारे में जानकारी होती थी. उन्हें सबका चरित्र, आचरण मालूम होता था. उन्होंने कहा कि मैं जब सांसद था, तो लखनऊ मेल से उनके साथ जाता था. उस वक्त वह जब पास बैठते थे, तब सभी के बारे में कुछ न कुछ जरूर बताते थे. वो हमारे अभिभावक थे.

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