यूपी के एमएसएमई व ग्रामोद्योग मंत्री राकेश सचान ने खादी भवन में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर विभाग की योजनाओं की समीक्षा की. साथ ही अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए. मंत्री सचान ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन को आगे बढ़ाना है. प्रदेश में कृषि के बाद एमएसएमई में रोजगार की सबसे अधिक संभावनाएं हैं. इसके लिए औद्योगिक इकाइयों के उत्पादन को बढ़ाने तथा नए उद्यमों के स्थापना के लिए तेजी से कार्य किए जाए. उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी एवं कर्मचारी योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए मिशन मोड में कार्य करें. इसके साथ ही उद्यमिता विकास पर विशेष ध्यान दिया जाए.

आगे उन्होंने कहा कि लखनऊ में स्थिापित उप्र इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन डिजाइन संस्थान के नवीन पाठ्यक्रमों को यथाशीघ्र अनुमोदित कराया जाए. साथ ही विभागों की ओर से विगत दो वर्षों में किए गए कार्यों का विवरण तथा निदेशालयों की स्टेटस रिपार्ट एक सप्ताह के अंदर प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए. मंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश में स्थापित होने वाले टेक्सटाइल्स पार्क की स्थापना का कार्य 100 दिन के अंदर शुरू कर दिया जाए. अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि उद्यमियों की ओर से औद्योगिक क्षेत्र में जिस उद्यम की स्थापना के लिए भूमि ली गई, वहीं, उद्यम स्थापित होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने लिए औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ाने तथा एक्सप्रेस-वे के निकट एमएसएमई के लिए औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के निर्देश दिए. यह भी कहा कि शहरों में खादी विभाग की भूमि खाली पड़ी है, वहां खादी प्लाजा बनाया जाए. सचान ने कहा कि प्रदेश में रेशम की खपत के सापेक्ष उत्पादन बहुत कम है. रेशम विभाग के अधिकारी रेशम उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रभावी रणनीति तैयार करें. रेशम उत्पादन बढ़ाने के लिए खासतौर पर तराई क्षेत्रों में किसानों को प्रोत्साहित किया जाए.

इसके अलावा अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, रेशम, हथकरघा, तथा खादी एवं ग्रामोद्योग नवनीत सहगल ने मंत्री राकेश सचान को विगत पांच वर्षों में किए गए कार्यों एवं आगामी 100 दिन की कार्य योजना से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि प्रदेश में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए अवस्थापना सुविधा को सुदृढ़ किया जा रहा है. स्वरोजगारपरक योजनाओं के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा गया है. साथ ही ओडीओपी योजना के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को चिन्हित कर उन्हें प्रोत्साहन दिया जा रहा है. बैठक में आयुक्त एवं निदेशक उद्योग मनीष चौहान, निदेशक रेशम नरेंद्र सिंह पटेल, विशेष सचिव हथकरघा शेषमणि पांडेय तथा विशेष सचिव एमएसएमई प्रदीप कुमार सहित सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

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