देश में पाश्चात्य संस्कृति ने कब्जा जमा लिया है और इसका असर आज हमारे हिंदू युवकों युवतियों पर हो रहा है नतीजा यह है कि सनातन में जन्म लेने वाले सनातन पद्धति से अपने जीवन को जीने वाले लोग सनातन के सिद्धांतों को भूलते जा रहे हैं वह महिलाएं वह लड़कियां जिन्हें सनातन में देवियों की तरह पूजा जाता है उनकी नंगई का प्रदर्शन आज सोशल मीडिया पर आम हो चला है..

National state TV के साथ साक्षातकार में स्वामी कैलाशानंद ने हमारी शिक्षा पद्धति पर सवाल उठाते हुए यह कहा कि जब तक हम अंग्रेजों की पढ़ाई पढ़ते रहेंगे उनकी संस्कृति को अपनाते रहेंगे तब तक हम अपनी संस्कृति और उसका गौरवशाली इतिहास नहीं समझ पाएंगे सनातन में हर चीज का एक मतलब होता था एक वैज्ञानिक मतलब होता था एक सामाजिक मतलब होता था लेकिन आज हमने सनातन के सिद्धांतों को कुचलने का काम किया है और इसमें सबसे बड़ी भूमिका निभाई है भारतीय शिक्षा पद्धति ने जिसने लोगों को शिक्षित तो बनाया है लेकिन सभ्य और सुसंस्कृत नहीं बना पा रही

हरिद्वार स्थित दक्षिण पीठेश्वर काली मंदिर के प्रमुख श्री कैलाश आनंद गिरि महाराज ने इस बात से भी आश्वस्त कराया कि समय आएगा जब हम पाश्चात्य संस्कृति को पूरी तरीके से अलविदा कह देंगे हमारे बच्चे हमारे युवक और युवतियां उन कपड़ों को उतार फेंकेंगे जो कभी सनातन संस्कृति का हिस्सा नहीं रहे जो सनातन पर एक धब्बे की तरह है…

National state TV के नेटवर्क एडिटर नकुल चर्तुवेदी के साथ साक्षात्कार में निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कोरोना महामारी के अलावा कुंभ के आयोजन पर भी खुलकर बात की… यह पूरा इंटरव्यू नेशनल स्टेट TV के डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर जल्द प्रसारित किया जाएगा

कैलाशानन्द गिरि महाराज, नकुल चर्तुवेदी के साथ साक्षात्कार के दौरान

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