उत्तर प्रदेश स्थित लखीमपुर खीरी मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) को दी गई जमानत को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश राज्य को बताया कि विशेष जांच दल (SIT) की मॉनिटरिंग के लिए नियुक्त कमेटी ने सिफारिश की है कि राज्य को जमानत के फैसले के खिलाफ अपील दायर करनी चाहिए. इसके बाद अदालत ने मॉनिटरिंग कमेटी के रुख पर राज्य से जवाब की मांग करते हुए सुनवाई 4 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी.
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमण, जज जस्टिस सूर्यकांत और जज जस्टिस हेमा कोहली की बेंच ने यूपी सरकार की ओर से पेश हुए वकील महेश जेठमलानी से कहा कि जांच की निगरानी के लिए नियुक्त न्यायाधीश की रिपोर्ट से पता चलता है कि SIT ने सिफारिश की थी मिश्रा की जमानत को चुनौती की सिफारिश की थी. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच की निगरानी के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस राकेश कुमार जैन को नियुक्त किया था और SIT का भी पुनर्गठन किया था.
CJI ने यूपी सरकार से पूछा यह सवाल
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि एसआईटी प्रमुख ने अपनी सिफारिशों पर गृह विभाग के अपर सचिव को पत्र लिखा है. सीजेआई रमण ने वकील जेठमलानी से पूछा, “मॉनिटरिंग कमेटी की रिपोर्ट से ऐसा लग रहा है कि उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल करने की सिफारिश की थी. आपका क्या रुख है?”
इस पर वकील जेठमलानी ने कहा कि उन्हें इस रिपोर्ट की जानकारी नहीं है और उन्होंने इस बाबत निर्देश के लिए समय मांगा. इसके बाद जज जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “एसआईटी द्वारा अपर मुख्य सचिव गृह, यूपी को दो पत्र भेजे गए हैं.”
याचिकाकर्ताओं (मृतकों के परिजनों) की ओर से अदालत में वकील दुष्यंत दवे ने अदालत से “इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने” का आग्रह किया. बेंच ने कहा कि वह मॉनिंटरिंग कमेटी की रिपोर्ट और याचिकाकर्ताओं और राज्य सरकार के वकील को पत्र सौंपेगी. इसके बाद अदालत ने सुनवाई 4 अप्रैल के लिए स्थगित कर दी.