सेतु निर्माण निगम ने गोंडा पुल निर्माण में नौ करोड़ रुपये की गड़बड़ी पकड़ी है. इसे लेकर ऑडिट भी शुरू कर दिया गया है. बजट और कामों में भारी अंतर पकड़ा गया है. इस संबंध में एक समिति का गठन भी कर दिया गया है. रेलवे ओवर ब्रिज के लिए जो काम महज 52 करोड़ रुपए में होना चाहिए था. उस पर सेतु निगम के अफसरों ने 61 करोड़ रुपए खर्च कर डाले.

मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब इसका बचा हुआ काम निर्माण इकाई-3 की बजाय नई इकाई को दिया गया. नई इकाई ने दस्तावेजों का मिलान किया तो बजट और कराए गए कामों में भारी अंतर मिला. उसकी रिपोर्ट पर वित्त नियंत्रक विनोद कुमार ने स्पेशल ऑडिट के आदेश जारी कर दिए हैं. इसके लिए उन्होंने एक समिति बना दी है. इसमें सहायक लेखाधिकारी अनिल कुमार तिवारी, लेखाकार बृजेश कुमार वर्मा और लेखाकार लल्लू सिंह रावत को रखा गया है. सूत्रों के मुताबिक एक सप्ताह के भीतर यह कमेटी अपनी ऑडिट रिपोर्ट वित्त नियंत्रक को सौंपेगी.

लखनऊ की निर्माण इकाई-3 द्वारा गोंडा जिले में गोंडा-बाराबंकी रेल सेक्शन पर आरओबी बनाने के काम पर सवाल उठ रहे हैं. सेतु निगम सूत्रों के मुताबिक 15 दिसंबर 2021 को गोंडा इकाई का गठन हुआ. इसके बाद यह प्रॉजेक्ट गोंडा इकाई को हैंडओवर कर दिया गया. इसके बाद दस्तावेजों का मिलान किया गया तो पता चला कि अब तक जिन कामों पर निर्माण इकाई-3 ने 61 करोड़ खपा दिए हैं. उसके लिए महज 52 करोड़ ही आवंटित था. यही नहीं, आरओबी का काम 80 फीसदी तक हो जाना चाहिए था. महज 49 फीसदी ही काम हुआ है.

ऐसे में 51 फीसदी काम बचा हुआ है. गोंडा निर्माण इकाई की आपत्ति के बाद खर्च को लेकर निर्माण इकाई-3 के साथ विवाद की स्थिति पैदा हो गई है. इस पर दोनों से दस्तावेज मांगे गए हैं और वित्त नियंत्रक ने स्पेशल ऑडिट का आदेश भी जारी कर दिया है.

वित्त नियंत्रक सेतु निगम विनोद कुमार ने बताया कि बजट से ज्यादा खर्च को लेकर निर्माण इकाइयों के बीच विवाद था. ऐसे में स्पेशल ऑडिट कराने का आदेश दिया गया है. टीम बना दी गई है. यह टीम एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट दे देगी. इसके बाद ही आगे की कार्यवाही तय होगी.

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