कालिंदी कुंज स्थित यमुना खादर में अतिक्रमण हटाने गई निगम की टीम एवं पुलिसकर्मियों पर कुछ लोगों ने पथराव कर दिया. पुलिस ने फिलहाल बल प्रयोग करके लोगों को मौके से हटा दिया है. ओखला के विधायक अमानतुल्लाह खान सहित लगभग दर्जन भर लोगों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया है.

दिल्ली नगर निगम अलग-अलग इलाकों में अतिक्रमण हटाने का काम कर रही है. गुरुवार को सरिता विहार के मदनपुर खादर इलाके में अतिक्रमण हटाने का काम निगम का अमला कर रहा था. इसके लिए दक्षिण पूर्वी जिले से भारी पुलिस फोर्स भी तैनात की गई थी. अतिक्रमण तोड़ने के दौरान लोगों ने विरोध किया. कुछ देर में वहां विधायक अमानतुल्लाह खान भी पहुंच गए. देखते ही देखते विरोध बढ़ने लगा. इसी दौरान कुछ लोगों ने पथराव किया, लेकिन पुलिस फोर्स ने बल प्रयोग करते हुए भीड़ को खदेड़ दिया. कुछ पुलिसकर्मियों को हल्की चोटें आई हैं.

मदनपुर में अतिक्रमण हटाने के दौरान पथराव, MLA अमानतुल्लाह खान और समर्थक हिरासत में लिए गए

इसके बाद पुलिस ने अमानतुल्लाह खान सहित उनके कई समर्थकों को हिरासत में ले लिया. फिलहाल पुलिस विधायक समेत तमाम लोगों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने समेत कई संगीन धाराओं में कार्रवाई की तैयारी में जुट गई है. अमानतुल्लाह खान ने कहा कि अतिक्रमण के नाम पर गरीबों के घर तोड़े जा रहे हैं. इसलिए हम चुप नहीं बैठेंगे. ओखला के साथ ही निगम के बुलडोजर वेस्ट जोन में भी चलाए गए. गुरुवार को ख्याला इलाके के विष्णु गार्डेन में भी एमसीडी के कई बुलडोजर चलाए गए.

चांद नगर रोड के शुरू होते हुए पंजाबी मार्केट और आसपास के इलाकों में बुलडोजर चलाए गए. इस दौरान लोग जमकर एमसीडी की इस कार्रवाई का विरोध करते नजर आए. लोगों में निगम प्रशासन के खिलाफ भारी आक्रोश देखने को मिला. भीड़भाड़ और घनी आबादी को देखते हुए इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी. हद तो ये हो गई कि घरों के सामने बने नाले को ढकने के लिए लगाए गए पत्थर को भी निगम प्रशासन ने तोड़ डाला. लोगों का आरोप है कि निगम के अधिकारी चुन-चुनकर कार्रवाई कर रहे हैं. जिन शो-रूम और दुकानों से पैसे मिलने हैं, उन्हें नहीं तोड़ा है. हमारी अपनी ही जमीन पर बने मकानों के और दुकान के हिस्से तोड़ दिए.

इस कार्रवाई के दौरान एक दुकानदार और रिश्तेदारों ने जमकर विरोध किया. लोगों का कहना है कि जब सड़क बनाई जा रही थी. तब उनकी जमीन एक्वायर की गई थी. यह नाला भी उनकी ही जमीन में बना दिया गया है. नाले को ढकने के लिए पत्थर लगवाए और उसे प्लास्टर कराया तो उसे भी निगम ने तोड़ डाला. अब न तो लोग घरों से बाहर निकल सकते हैं और न ही दुकानों पर ग्राहक आ सकते हैं. आखिर किस सोच के तहत ये कार्रवाई की जा रही है. लोग निगम अफसरों पर पक्षपात का भी आरोप लगाते नजर आए. लोगों ने कहा कि अगल-बगल की दुकानों के शेड तोड़ डाले, लेकिन वहीं शराब की दुकानों के शेड और बोर्ड को हाथ तक नहीं लगाया. निगम के अफसर का कहना है कि कुछ प्रॉपर्टी पर केस चल रहा है. इसलिए उन्हें नहीं छुआ गया है. आरोप है कि दिल्ली जल बोर्ड के एक अवैध दफ्तर को भी नगम ने हाथ नहीं लगाया है. लोगों का आरोप है कि अपनी ही जमीन में जब एक ईंट भी रखी जाती है तो निगम का अमला पैसे मांगने चला आता है. इतने सारे निर्माण अवैध कैसे हो गए. अपनी ही जमीन पर बने मकान और दुकान अतिक्रमण कैसे हो गए. लोगों ने कहा कि शाहीन बाग में जहां विरोध हुआ, वहां बुलडोजर क्यों नहीं चला सका निगम का अमला. आखिर ये पक्षपात क्यों हो रहा है.

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