प्रधानमंत्री ने देश में डिजिटल हेल्थ मिशन की शुरुआत की है. इसके तहत जहां आधार कार्ड की तर्ज पर हर व्यक्ति का हेल्थ आईडी नंबर होगा, वहीं अस्पतालों और कर्मियों की भी यूनिक आईडी होगी. इसके दायरे में सरकारी से लेकर निजी अस्पताल भी आएंगे. ऐसे में एक ही साइट पर पूरा हेल्थ सिस्टम होगा. डीजी हेल्थ डॉ. वेद व्रत सिंह के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर को प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन लांच किया था.

इसके तहत देश के सभी लोगों को एक यूनीक आईडी कार्ड दिया जाएगा जिसमें उनके स्वास्थ्य से जुड़ी सारी जानकारी होगी. ऐसे में मरीज देश के किसी भी शहर या अस्पताल में इलाज के लिए जाएंगे. उन्हें कोई जांच रिपोर्ट या पर्चा नहीं ले जाना होगा. उसकी सारी जानकारी, अस्पताल के यूनिक नंबर, पेशेंट की हेल्थ आईडी से ऑनलाइन देखी जा सकेगी.

यानी आपको पहले कौन सी बीमारी रही है और आपका कहां और क्या इलाज हुआ है, यह सब ऑनलाइन मौजूद रहेगा. यह कवायद पूरी करने के लिए यूपी सरकार ने हेल्थ सिस्टम का डिजिटाइजेशन (Digitization of Health System) शुरू कर दिया है. सबसे पहले सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों को केंद्र सरकार के एप ‘मेरा अस्पताल’ पर कनेक्ट किया जा रहा है. एप पर ही अस्पताल की लोकेशन और रूट भी ट्रेस हो जाएगा.

15 अगस्त को पीएम ने की थी घोषणा : प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त, 2020 को लाल किले से इस योजना की घोषणा की थी. अभी यह अंडमान-निकोबार, चंडीगढ़, दादर नागर हवेली, दमनदीव, लद्दाख और लक्षद्वीप में चल रही है. अब पूरे देश में शुरू किया जा रहा है. इस मिशन का मसकद यह है कि हर शख्स की हेल्थ आईडी बनाना है. साथ ही उसे हेल्थकेयर सर्विस देने वाले संस्थानों तक उसकी पहुंच को आसान बनाना है.

यूपी में कुल अस्पताल : यूपी में 175 के करीब जिला व संयुक्त अस्पताल हैं. इसके अलावा 3604 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) हैं. प्रत्येक पीएचसी पर अभी चार बेड हैं. इसी तरह प्रदेश में 856 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) हैं. प्रत्येक सीएचसी में 30 बेड हैं. इसके अलावा जिला व संयुक्त अस्पताल 80 से 750 बेड तक के हैं. इसके अलावा 12, 468 निजी अस्पताल हैं. इनमें 2 लाख से अधिक बेड हैं.

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