उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ धाम के भव्य निर्माण के बाद यहां मौजूद तमाम मंदिरों में दर्शन पूजन को लेकर एक बार फिर से हिंदू संगठनों की तरफ से जोर आजमाइश शुरू हो चुकी है. इस प्रकरण में श्री काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी परिसर में स्थित माता श्रृंगार गौरी के मंदिर में नियमित दर्शन को लेकर दाखिल याचिका पर सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार की अदालत ने एडवोकेट अजय कुमार को वकील कमिश्नर नियुक्त किया है. इस मामले में वीडियोग्राफी के जरिए पूरी पड़ताल के बाद 20 अप्रैल तक अपनी रिपोर्ट सबमिट करने का आदेश दिया है.

इस पूरे मामले में नवंबर 2020 में हिंदू महासभा लखनऊ और दिल्ली की तरफ से एक याचिका दायर की गई थी. जिसमें यह कहा गया था कि विश्वनाथ मंदिर ज्ञानवापी परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी मंदिर में नियमित दर्शन की अनुमति सरकार के द्वारा क्यों नहीं दी जा रही. यहां पर क्यों पुलिस द्वारा रोक-टोक की जाती है, जबकि यह हिंदू आस्था का केंद्र है. इस बाबत दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत में दाखिल की गई राखी सिंह व अन्य की तरफ से वाद के साथ 1993 की पूर्व स्थिति बहाल करने की मांग पर कोर्ट ने 8 अप्रैल को श्रृंगार गौरी मामले में वकील कमिश्नर नियुक्त करने का आदेश दिया है.

अदालत ने वकील कमिश्नर नियुक्त करते हुए इसकी रिपोर्ट भी तलब की है. इस मामले में विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट जिला अधिकारी पुलिस आयुक्त अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी और सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड को पक्षकार बनाया गया है. वादी पक्ष की ओर से मदन मोहन, सुभाष नंदन, चतुर्वेदी सुधीर त्रिपाठी ने अपना पक्ष रखा. फिलहाल इस मामले में कोर्ट ने वकील कमिश्नर को मौके पर जाकर पड़ताल करते हुए इसकी वीडियोग्राफी करने का भी आदेश दिया है और पूरे मामले में पुलिस को पूर्ण सहयोग के निर्देश भी दिए हैं.

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