कुशीनगर जिले के खड्डा थाना क्षेत्र से होकर बहने वाली नारायणी नदी में नाव पलट गई. स्थानीय लोगों ने 7 लोगों की जान बचाई, जबकि तीन लोगों की मौत हो गई. काफी तलाश के बाद तीनों के शव को नदी से बाहर निकाल लिया गया है. मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन को हादसे में घायल हुए लोगों का समुचित उपचार कराए जाने का निर्देश दिया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद कुशीनगर में नारायणी नदी में हुए नाव हादसे को लेकर जिला प्रशासन को तत्काल मौके पर पहुंचकर बचाव और राहत कार्य करने के निर्देश दिए. उन्होंने दुर्घटना में हुई जनहानि पर शोक व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है.

4-4 लाख रुपए देने का एलान

घटना की सूचना पर पहुंचे खड्डा विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायक विवेकानंद पांडे ने कहा कि 7 लोग सुरक्षित हैं, जबकि 3 लोगों की मौत हो गई है. इस दुख की घड़ी में हम उनके साथ हैं. मृतकों के परिवार को आपदा राहत और बचाव कोष से 4-4 लाख रुपये की मदद दी जाएगी.

मिली जानकारी के अनुसार, खड्डा इलाके में नारायणी नदी के रेता इलाके में अक्सर किसान छोटी नाव के सहारे नदी को पार कर खेती करने जाया करते हैं. इसी कड़ी में आज सुबह 9:30 बजे खड्डा थानाक्षेत्र स्थित सलिकपुर पुलिस चौकी इलाके में एक छोटी नाव पर सवार होकर पनियहवा गांव के 10 लोग नारायणी नदी के बीच स्थित रेता पर गेंहू की कटाई करने जा रहे थे. इसी दौरान नाव नदी में पलटी गई और उसमें सवार 10 लोग नदीं में डूबने लगे. वहीं, आसपास के लोगों ने किसी तरह 7 लोगों को बचा लिया, जिनमें पांच महिलाएं एक युवक और एक बच्चा शामिल है. जबकि 3 लोग लापता रहे. सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस और ग्रामीणों ने घंटों तक नदी में छानबीन की, जिसके बाद नदी से तीन लोगों का शव बरामद हुए. उधर, मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

कुशीनगर के जिलाधिकारी एस.राज. लिंगम और पुलिस अधीक्षक सचिंद्र पटेल भी मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मिलकर उन्हें सांत्वना दिया. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए जिलाधिकारी ने बताया कि खड्डा और तमकुहीराज क्षेत्र में अक्सर किसान अपनी खेती के लिए जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं, जिससे इस तरह की घटना हो रही. हम उन्हें जागरूक करने की कोशिश करेंगे कि वह इस तरह अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार ना करें. यह समस्या उनकी आजीविका से जुड़ी हुई है, इसलिए हम शासन को पत्र भी लिखेंगे, जिससे उनके आने-जाने के लिए कोई उचित समाधान किया जा सके.

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