उत्तराखंड में 50 % बढ़ गए लड़कियों को बहलाकर ले जाने के मामले, पांच महीनों में दर्ज हुए 48 मुकदमे

संप्रदाय विशेष के युवकों की ओर से लड़कियों को बहला-फुसलाकर ले जाने के बढ़ते मामलों में चिंता बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों और इंटेलीजेंस अफसरों को स्थिति पर बारीकी से नजर रखने के निर्देश दिए हैं।

 

संप्रदाय विशेष के युवकों की ओर से लड़कियों को बहला-फुसलाकर ले जाने के मामलों में अचानक बढ़ोतरी देखने को मिली है। इस साल केवल पांच महीनों में ऐसे 48 मुकदमे प्रदेश में दर्ज हुए हैं। जबकि पिछले पूरे साल में 76 केस दर्ज हुए थे। इस हिसाब से इस साल हर माह का औसत करीब 10 है। ज्यादातर मामले नाबालिग लड़कियों के अपहरण से संबंधित हैं। इनमें पॉक्सो के तहत भी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

 

इस मामले में मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों और इंटेलीजेंस अफसरों को स्थिति पर बारीकी से नजर रखने के निर्देश दिए हैं। एकाएक इस तरह के मामले बढ़ने से प्रदेश में कानून व्यवस्था कायम रखना भी एक चुनौती है। बीते दिनों उत्तरकाशी में कुछ संगठनों ने महापंचायत भी बुलाने की बात की थी।

 

पुलिस के आंकड़े भी इस स्थिति को बयां कर रहे हैं। ये मामले ज्यादातर अपहरण और पॉक्सो में दर्ज किए जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक, बीते दिनों सोशल मीडिया पर हुई गतिविधियों के चलते लोग जागरूक होकर ऐसे मामलों में आगे आ रहे हैं। पुलिस भी इन पर कार्रवाई कर रही है। इन पांच महीनों में लगभग सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, पुलिस अधिकारियों ने एलआईयू को हर स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। 

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