सरकारी सेवा में डॉक्टरों का संकट है. ऐसे में उनकी सेवानिवृत्त आयु बढ़ाकर 65 कर दी गई है. इसके बाद भी उन्हें पुनर्नियुक्ति पर रख लिया जाता है. इस बीच शारीरिक-मानसिक अस्वस्थ डॉक्टर भी दोबारा नौकरी पा जाते हैं. अब रिटायरमेंट के बाद नौकरी पर रखे जाने से पूर्व डॉक्टरों का मेडिकल चेकअप होगा.

कई डॉक्टरों की छुट्टी तय : नए नियम से अब सरकारी अस्पतालों में पुर्ननियुक्ति पर उन्हीं डॉक्टरों को रखा जाएगा जो शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ्य हैं. इन डॉक्टरों की तैनाती से पहले मेडिकल चेकअप होगा. वहीं, पहले से पुनर्नियुक्ति योजना के तहत तैनात डॉक्टरों की भी सेहत की जांच कराई जा रही है. ऐसे में बीमार डॉक्टरों की छुट्टी तय मानी जा रही है. कई डॉक्टर शारीरिक रूप से पूरी तरह से स्वस्थ्य नहीं हैं. फिर भी वे अस्पतालों में तैनात हैं. ऐसे में मरीजों को डॉक्टरों की तैनाती का पूरा फायदा नहीं मिल पा रहा है.

क्या कहते हैं अफसर : डीजी हेल्थ डॉ. वेद व्रत के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग ने पुनर्नियुक्ति पर रखे जाने वाले डॉक्टरों की मेडिकल जांच कराने का फैसला किया है. इसमें डॉक्टर की स्वास्थ्य संबंधी जांच कराई जा रही है. इसमें दिल, फेफड़े, आंख, हड्डी व मानसिक स्थिति को जांचा जा रहा है. अब बीमार डॉक्टरों को पुनर्नियुक्ति में नहीं रखा जाएगा. सीएमओ की देख-रेख में जांच कराई जा रही है.